उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण विभाग ने उनके खाने और रहने की व्यवस्था की है। सरकार ने उनके लिए इमारत बनाई है, ताकि वे अच्छी जगह रह सकें। इसका नाम विदेशी डिटेंशन सेंटर रखा गया है।
करजोल का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के उलट है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि देश में कोई डिटेंशन सेंटर नहीं है। वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा था कि पूरे देश में सिर्फ असम में एक डिटेंशन सेंटर है, बाकियों की उन्हें जानकारी नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा था कि भाजपा ने कोई डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया है।
करजोल ने एएनआई को बताया कि राज्य में अवैध प्रवासियों के लिए पहला डिटेंशन सेंटर बनाया गया है। नेलामंगला सोंडेकोप्पा में बने इस डिटेंशन सेंटर में किचन के साथ पीने के पानी और शौचालय की भी व्यवस्था है। इसके बाहर 10 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और तारबंदी की गई है।
आदेश मिला कि था एक जनवरी से पहले तैयार हो केंद्र: अधिकारी
इसे पूरी तरह हिरासत केंद्र कहना गलत: बोम्मई
गलवार को पत्रकारों से बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा, सही शब्दों में कहा जाए तो यह हिरासत केंद्र नहीं है। इसका नागरिकता के मुद्दे से कोई मतलब नहीं है यह किसी को हिरासत में रखने के लिए नहीं बनाया गया है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है, कर्नाटक में कोई सुविधा केंद्र काम कर रही है। यदि इसे चालू कर दिया गया है तो वहां कुछ बंदियों को होना चाहिए। लेकिन वहां कोई नहीं है।