आषाढ़ पूर्णिमा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 21 जुलाई को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। वहीं इस शुभ दिन पर लोग कई ज्योतिष उपाय करते हैं जिन्हें करने से जीवन की सभी परेशानियों का अंत होता है।
आषाढ़ पूर्णिमा हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस शुभ दिन पर जातक भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनके लिए उपवास रखते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन धार्मिक कार्य करने से उसका दोगुना फल प्राप्त होता है। इसलिए हर किसी को पूजा-पाठ पर जोर देना चाहिए।
हिंदू पंचांग के अनुसार, यह हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह (Ashadha Purnima 2024) 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
पितरों को प्रसन्न करने के उपाय
चौमुखी दीपक जलाएं
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के बाद पानी में कच्चा दूध, थोड़ा पानी और सफेद फूल डालकर अर्घ्य दें। इसके बाद चौमुखी दीपक जलाएं। फिर पितृ स्तोत्र का पाठ करें। इस उपाय को करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी। साथ ही पितृ दोष से छुटकारा मिलेगा।
पितरों का तर्पण करें
आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि पर अपने घर पर पितरों के लिए भोजन तैयार करें। इसके बाद उनके नाम से भोजन निकालें और उनका तर्पण करें। फिर उसका कुछ अंश गाय, कुत्ता और कौए आदि को खिलाएं। ऐसा करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और सभी प्रकार के रोग-दोष से छुटकारा मिलता है।
आषाढ़ पूर्णिमा 2024 तिथि और समय
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई, 2024 दिन शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 21 जुलाई,2024 दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर इस बार आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
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