पिछले छह महीनों में आतंकवाद में शामिल होने वाले 17 युवा मुख्यधारा में वापस लौटे हैं युवाओं के लिए मैं कहूंगा कि आप भविष्य हैं : लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू

घाटी को आतंक मुक्त करने और भटके युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए सेना सतत और हर संभव प्रयास करती है। ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ के साथ ही सेना ‘ऑपरेशन मां’ भी चलाती है। इसके तहत भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाता है। इसी क्रम में रविवार को सेना के शीर्ष कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने घाटी के भटके हुए युवाओं से एक अपील की है।

उन्होंने कहा कि पिछले छह महीनों में आतंकवाद में शामिल होने वाले 17 युवा मुख्यधारा में वापस लौटे हैं। वर्तमान में हम सरकार के साथ एक उपयुक्त आत्मसमर्पण नीति पर काम कर रहे हैं जो निश्चित रूप से सार्थक होगी। भटक गए युवाओं से मेरी अपील है कि वापस आओ, तुम कभी भी वापस आ सकते हो, जिसमें ऑपरेशन के दौरान भी वापस लौट सकते हो।

उन्होंने कहा कि मुख्यधारा में लौटने के लिए माता-पिता, हमारी हेल्पलाइन पर कॉल कर सकते हो। युवाओं के लिए मैं कहूंगा कि आप भविष्य हैं। आपको केंद्रशासित प्रदेश को आधुनिक, समृद्ध और खुशहाल समाज बनाने के लिए काम करने की आवश्यकता होगी। इस यात्रा में हम आपके साथ हैं।

उन्होंने कहा कि  जब हमें पता चलता कि आतंकवादी कहीं फंस गए हैं, तो हम उन्हें विशेष रूप से स्थानीय होने पर आत्मसमर्पण करने के लिए कहते हैं। अगर उनकी पहचान हो जाती है तो हम उनके परिवार के सदस्यों को बुलाते हैं। जब सभी प्रयास विफल हो जाते हैं तो हम उन्हें मारते हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा कि 2020 में आतंकवादियों की भर्ती काफी हद तक नियंत्रण में थी, खासकर 2018 की तुलना में। घाटी में आतंकवादियों की वर्तमान संख्या 217 है जो पिछले दशक में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि ड्रोन और सुरंगों के माध्यम से हथियार और ड्रग्स भेजने की पाकिस्तान की साजिश निश्चित रूप से एक चुनौती है। इससे निपटने के लिए हम सुरंगों का पता लगाने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं।

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