आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पड़ने वाली एकादशी पापाकुंशा एकादशी के नाम से जानी जाती है। पापाकुंशा एकादशी 09 अक्टूबर दिन बुधवार को पड़ रही है।

इस दिन भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरूप की विधि विधान से पूजा की जाती है, जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि पापाकुंशा एकादशी व्रत करने से 1000 अश्वमेघ यज्ञ का पुण्य प्राप्त होता है।
पापाकुंशा एकादशी का महत्व
पूजा का मुहूर्त
एकादशी तिथि का प्रारंभ 08 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर 02 बजकर 50 मिनट से हो रहा है, जो 09 अक्टूबर दिन बुधवार को शाम 05 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। ऐसे में लोगों को बुधवार सुबह व्रत रहना चाहिए और पूजा अर्चना करनी चाहिए।
पापाकुंशा एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन सुबह में दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। फिर पापाकुंशा एकादशी व्रत का संकल्प करें। फिर गरूड़ पर विराजमान भगवान विष्णु के भव्य स्वरूप की पूजा करें। उनको अक्षत्, चंदन, फल, पुष्प, माला आदि अर्पित करें। पापाकुंशा एकादशी की कथा का श्रवण करें। फिर दीप, कपूर आदि से भगवान विष्णु की आरती करें। नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।
ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:
दान
पापाकुंशा एकादशी के व्रत करने वाले व्यक्ति को दान करना चाहिए। इस दिन सोना, तिल, भूमि, गौ, अन्न, जल, छतरी तथा जूती दान करने से उस व्यक्ति को यमराज नहीं देखता।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal