जेवलिन थ्रो में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम ऊंचा करने वाले गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा के पैतृक गांव खंडरा में सीएम की घोषणा के करीब चार साल बाद भी स्टेडियम नहीं बन पाया है। इससे क्षेत्रवासियों के साथ ही नीरज चोपड़ा भी मायूस हैं। रविवार को जब स्टेडियम के संबंध में नीरज चोपड़ा से बात की गई तो उनका दर्द सामने आ गया। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इसके लिए काफी प्रयास कर चुके हैं, मुख्यमंत्री से भी मिल चुके हैं। उन्होंने ग्रामीणों से स्टेडियम के लिए सामूहिक रूप से प्रयास करने की बात कही।
गौरतलब है कि नीरज चोपड़ा के कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गांव खंडरा में उनके नाम से खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी। उस समय गांव में 15 एकड़ जमीन में खेल स्टेडियम बनाने की बात कही गई। प्रशासन और खेल विभाग भी इसे लेकर उत्साहित दिखा, लेकिन गांव में पंचायती जमीन पर विवाद के चलते स्टेडियम का काम अटक गया। चार साल बाद भी स्टेडियम को लेकर जगह नहीं मिल पाई है।
गांव की जमीन पर विवाद के चलते स्टेडियम का निर्माण तो दूर शिलान्यास भी नहीं हो सका है। इस संबंध में सरपंच पति ने बताया कि जमीन का विवाद हल किया जा रहा है। दूसरी ओर इस संबंध में नीरज चोपड़ा ने मुख्यमंत्री से भी बात की थी। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से स्टेडियम के लिए भरोसा दिया गया है। इस पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है। मैं खेल के लिए अक्सर बाहर रहता हूं। ऐसे में ग्रामीणों को इसे लेकर सामूहिक रूप से प्रयास करना होगा। ग्रामीणों के प्रयास से गांव में खेल स्टेडियम जरूर संभव हो सकेगा।
पेरिस ओलंपिक में 90 मीटर थ्रो के साथ स्वर्ण पर नजर
नीरज चोपड़ा का अगला लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में गोल्ड जीतना है, जिसका आयोजन जुलाई-2024 में होगा। इसे लेकर उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी है। इस बीच अपने पैतृक गांव खंडरा पहुंचे नीरज चोपड़ा का कहना है कि इस बार उनका लक्ष्य 90 मीटर भाला फेंकना होगा, जिसके लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना है। इससे पहले अब तक उनका बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर है। उन्होंने यह थ्रो 30 जून 2022 में स्वीडन में आयोजित डायमंड लीग में किया था।
नीरज चोपड़ा ने बयां किया संघर्ष के दिनों का दर्द
नीरज चोपड़ा ने बताया कि उन्होंने 2011 में जेवलिन की प्रैक्टिस शुरू की थी। उस समय गांव में स्टेडियम न होने पर उन्हें पानीपत शिवाजी स्टेडियम जाना पड़ता था। गांव से पानीपत शहर तक यातायात के व्यापक प्रबंध भी नहीं थे। उनको कई बार बस या दूसरे वाहन न मिलने पर किसी से लिफ्ट लेकर भी अभ्यास के लिए आना-जाना पड़ता था। इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
जमीन का फंसा पेच, भूमि मिलते ही शुरू होगा काम
खंडरा गांव में नीरज चोपड़ा के नाम से खेल स्टेडियम बनाया जाना है। गांव में चयनित जमीन पर पिछले दिनों कुछ विवाद चल रहा था। ग्राम पंचायत से इसको लेकर विस्तार से चर्चा की गई है। इस पर कुछ सुलह की उम्मीद जताई जा रही है। ग्राम पंचायत से जमीन मिलते ही स्टेडियम बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। -संतोष धीमान, जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी।