भारत के खिलाफ चीन की एक नई चाल सामने आई है। पाकिस्तानी नौसेना के लिए चीन दूसरा नौसैनिक लड़ाकू जहाज तैयार कर रहा है। चीन का यह नया लड़ाकू विमान बेहतर रडार प्रणाली और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस होगा। इससे पाकिस्तान की समुद्री रक्षा क्षमता का विस्तार होगा। चीन जिस तरह से दक्षिण एशियाई देशों में दखल दे रहा है, उससे उसकी मंशा साफ है। चीन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भारत के समक्ष एक नई चुनौती पेश कर रहा है।

लद्दाख में भारतीय सेना से मात खाने के बाद चीन अब पाकिस्तान के जरिए साजिश करने में जुटा है। चीन ने पाकिस्तान के लिए दूसरा नौसैनिक लड़ाकू जहाज (Frigate) तैयार किया है। जाहिर तौर पर इससे पाकिस्तान की समुद्री रक्षा क्षमता में विस्तार होगा। चीन की यह पहल सामरिक रूप से तब और उपयोगी हो जाती है जब भारत प्रशांत क्षेत्र और दक्षिण चीन सागर में भारत और चीन की दिलचस्पी जुड़ी हुई है। ऐसे में पाकिस्तान का यह नौसैनिक बेड़ा भारत के खिलाफ होगा। प्रो हर्ष पंत दोनों देशों के बीच इस सैन्य सौदे को दक्षिण एशिया की सामरिक रणनीति से जोड़कर देखते हैं। उनका मानना है कि चीन कई वर्षों से दक्षिण एशिया में अपने दखल को बढ़ा रहा है। भारत दक्षिण एशिया का एक प्रमुख देश है। इसलिए जाहिर तौर पर वह दक्षिण एशिया में भारत के प्रभुत्व को कम करने की चेष्टा में है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में पाकिस्तान नौसेना ने 054 ए पी टाइप के चार वॉरशिप के निर्माण के लिए चीन के साथ करार किया था। इस करार के तहत चीन ने अगस्त, 2020 में पाकिस्तान के लिए पहला नौसैनिक लड़ाकू जहाज तैयार किया था। इसके तहत दूसरा लड़ाकू पोत शंघाई में तैयार किया गया है। खास बात यह है कि यह पोत चीनी पीपुल्स लिबरेशन आमी नौसेना का मुख्य आधार है। चीनी नौसेना के पास 30 पोत हैं। नेवल मिलिट्री स्ट्डीज रिसर्च इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ रिसर्च फेलो झांग जुनशे ने बताया कि चीन का नया फ्रिगेट टाइप 054ए पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह चीन का सबसे एडवांस फ्रिगेट है।
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