देश के लोगों की कला का सही तरीके से इस्तेमाल किस तरह से किया जाए, ये कोई पाकिस्तान के नेताओं से सीखे। हाल ही में पाकिस्तान को कुलभूषण मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में मुंह की खानी पड़ी। आईसीजे के 11 जजों की बेंच ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी। फांसी पर रोक लगने के बाद से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ नाखुश हैं। जब आईसीजे में कुछ साबित नहीं कर पाए तो नवाज शरीफ ने आईसीजे को खरीदने की प्लानिंग बनाई है, वो मानते हैं कि अगर मुख्य जज को खरीद लिया जाए तो फैसला उनके मुताबिक ही आएगा।
लेकिन जज को खरीदा कैसा जाए, इसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कई घंटों तक सोचा। इसी दौरान उनके सलाहकार ने कहा कि देश के क्रिकेटरों से अच्छी फिक्सिंग ट्रिक्स कोई नहीं बता सकता। यह सुनकर पाक पीएम ने तुरंत आर्मी चीफ को फोन लगाया और कहा कि जिन क्रिकेटरों का नाम फिक्सिंग में आया है उन्हें तुरंत यहां लाया जाए। कुछ ही घंटों में कई क्रिकेटरों को पीएम आवास पर लाया गया।
आते ही पीएम नवाज ने पूछा कि फिक्सिंग कैसे की जाती है इसके बारे में कौन अच्छे से बता सकता है। यह कहते हुए नवाज की नजर सलमान बट्ट, मोहम्मद आमिर और मोहम्मद आसिफ पर थी। क्योंकि नवाज को पता है कि पैसे का लेन-देन किस तरीके से किया जाता है ये बात यही खिलाड़ी अच्छे से बता सकते हैं। नवाज ने इन खिलाड़ियों को एक रुपये का सिक्का दिया और कहा कि आप सभी के पास देश सेवा करने का मौका है। (दरअसल नवाज ने सोचा कि भारत के हरीश साल्वे की तरह ये खिलाड़ी भी एक रुपये की फीस लेकर कुछ कमाल करेंगे।)
एक रुपये का सिक्का मिलने के बाद किसी भी खिलाड़ी के चेहरे पर खुशी नहीं दिखी। सलमान बट्ट तो इतने दुखी हुए मानों उन्हें किसी ने फिर से रंगे हाथों फिक्सिंग करते हुए पकड़ लिया हो। कई बार सवाल पूछने पर भी पाकिस्तान के खिलाड़ियों के नवाज शरीफ को कोई तरकीब नहीं बताई। कुछ विशेष सूत्रों ने बताया कि फिक्सिंग के बारे में बताने के लिए खिलाड़ियों ने पैसे की मांग की है। पाकिस्तानी खिलाड़ी चाहते हैं कि उन्हें कम से कम 100 करोड़ मिलने चाहिए। 100 करोड़ की बात पर पीएम नवाज बेहोश हो गए।