अगर भारत पाक के बीच युद्ध हो जाता है, तो पाकिस्तान का कोई ऐसा इलाका नहीं है जो भारत के निशाने पर ना हो. पूरा हिंदुस्तान 32 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला है. जबकि पाकिस्तान सिर्फ़ 7 लाख वर्ग किलोमीटर में सिमटा है. ज़ाहिर है पूरे पाकिस्तान को निशाना बनाना भारत से कहीं ज्यादा आसान है. भारत ने अपने करीब 56 फीसदी परमाणु बम ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाले मिसाइलों में तैनात कर रखा है. जबकि बाकी हवा और समंदर में भी भारत की चौकसी है. पाकिस्तान का ऐसा एक भी इलाका नहीं है जो भारत के परमाणु बम के रेंज में ना आता हो.
भारत के पास भले ही पाकिस्तान से पांच-दस कम परमाणु बम हैं. मगर पाकिस्तान के किसी भी शहर को पूरी तरह से तबाह करने के लिए इतने ही बम काफी हैं. हिंदुस्तान का कुल क्षेत्रफल 32 लाख वर्ग किलोमीटर से भी ज़्यादा है. जबकि पाकिस्तान का सिर्फ़ 7 लाख वर्ग किलोमीटर. यानी हिंदुस्तान के राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे तीन राज्यों को मिला दिया जाए, तो उससे भी कम. हिंदुस्तान ने अपने परमाणु हथियारों के ज़खीरे के आधे से ज़्यादा यानी 56 फीसदी हिस्सा ज़मीन से ज़मीन पर मार करने वाले पृथ्वी और अग्नि जैसे बैलिस्टिक मिसाइलों में तैनात कर रखा है.
इसके अलावा के-15 सागरिका पनडुब्बी में 12 परमाणु हथियार मौजूद हैं. इन्हें हिंदुस्तान ने न्यूक्लीयर पावर से लैस आईएनएस अरिहंत नाम की पनडुब्बी के लिए भी तैयार कर रखा है. ऐसे में ये ज़मीन से ज़मीन और जल से ज़मीन पर मार करने वाली परमाणु मिसाइल आसानी से पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, कराची समेत पाकिस्तान के फ़ौजी ठिकानों को निशाना बना सकती है.
जानकारों की मानें तो हारौल और कराची जैसे शहरों पर हुआ कोई भी परमाणु हमला सिर्फ़ इन दो शहरों तक ही महदूद नहीं रहने वाला. बल्कि इसका असर आस-पास के इलाक़ों के साथ-साथ खुद हिंदुस्तान और अफगानिस्तान के कुछ इलाक़ों तक भी हो सकता है. पर ये बात हवा के रुख पर तय करेगी.
हिंदुस्तान के पास ढाई सौ किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाले शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों का ऐसा ज़खीरा भी है, जो 24 परमाणु बम दाग सकता है. ये पाकिस्तान के लाहौर, सियालकोट, इस्लामाबाद रावलपिंडी को आसानी से मटियामेट कर सकता है.
इसी तरह हिंदुस्तान के पास जहाज से धनुष नाम के स्मॉल रेंज के परमाणु मिसाइल भी मौजूद हैं. जबकि परमाणु हथियारों का 45 फ़ीसदी हिस्सा हवाई रास्तों से हमला करने के लिए है. भारत के जगुआर 16 फाइटर जेट्स और मिराज-2000 32 परमाणु हमले कर सकते हैं.