मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री के तौर पर डार की काफी आलोचना हुई। पाकिस्तान में आए आर्थिक संकट के कारण उनका काफी विरोध हुआ। कहा जाता है कि आईएमएफ की चिंताओं को नजरअंदाज करने के कारण पाकिस्तान की वित्तीय हालत खराब हुई है।
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद की खींचतान खत्म हो गई है। गठबंधन की मदद से पीएमएलएन के वरिष्ठ नेता शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री पद संभाल लिया है। अब उम्मीद है कि पूर्व वित्त मंत्री इसाक डार पाकिस्तान के विदेश मंत्री का पद संभाल सकते हैं। शरीफ मंत्रिमंडल के विस्तार पर ध्यान केंदित कर रहे हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व कार्यवाहक मंत्री और पूर्व विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी विदेश मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार के रूप में काम करेंगे। वहीं, पूर्व राजनयिक और पीएमएलएन नेता तारिक फातेमी विशेष सहायक के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे। एक बैठक में जिलानी ने प्रधानमंत्री को कार्यवाहक व्यवस्था के दौरान विभिन्न विदेशी मामलों की जानकारी दी।
वित्त मंत्री के रूप में डार की काफी आलोचना
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री के तौर पर डार की काफी आलोचना हुई। पाकिस्तान में आए आर्थिक संकट के कारण उनका काफी विरोध हुआ। कहा जाता है कि आईएमएफ की चिंताओं को नजरअंदाज करने के कारण पाकिस्तान की वित्तीय हालत खराब हुई है। शुरुआत में अंदरखाने चर्चाएं थीं कि उन्हें संसद के ऊपरी सदन सीनेट का अध्यक्ष बनाया जा सकता है लेकिन पीपीपी के साथ गठबंधन के बाद सीनेट अध्यक्ष बनाए जाने की चर्चाएं खत्म हो गईं। दरअसल, गठबंधन के कारण सीनेट अध्यक्ष का पद पीपीपी की झोली में डालने के लिए पीएमएलएन सहमत हो गई।
भारत के साथ मधुर संबंध सम्मान और समानता पर होगा आधारित
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि अभी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है और मंत्रिमंडल के गठन होने के बाद ही विदेशी नीति पर चर्चा की जाएगी। नए मंत्रिमंडल के बाद ही पड़ोसियों सहित अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर जोर दिया जाएगा। तब हम बेहतर स्थिति में होंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहता है लेकिन यह संबंध सम्मान और समानता पर आधारित होने चाहिए।
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