पांच साल में 35% बढ़ा RBI का सोने का भंडार

पांच साल में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने के दाम लगभग दोगुने हो गए हैं। भारत में भी इस दौरान सोना करीब 120 प्रतिशत महंगा हो चुका है। रिटेल खरीदारी कम होने के बावजूद कीमतों में इतना इजाफा हुआ है। इस साल जनवरी से अब तक सोने के दाम 27 प्रतिशत बढ़े हैं। सिर्फ अप्रैल में ही यह 6 प्रतिशत महंगा हुआ है। दाम में इतनी बढ़ोतरी का एक बड़ा कारण है विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों की तरफ से सोना खरीदना। आइए जानते हैं बड़े देशों में किसके पास कितना सोना है और पांच साल में उनके भंडार में कितनी वृद्धि हुई है।

मार्च 2020 में अमेरिका के पास 8133.46 टन, जर्मनी के पास 3364.16 टन, इटली के पास 2,451.84 टन, फ्रांस के पास 2,436 टन, रूस के पास 2299.15 टन और चीन के पास 1948.31 टन सोना था। पांच साल में अमेरिका, जर्मनी, इटली और फ्रांस के सोने के भंडार में तो कोई खास बदलाव नहीं आया। रूस का भंडार बढ़कर 2332.74 टन और चीन का 2,292.31 टन हो गया।

पांच साल में आरबीआई का भंडार 34.7% बढ़ा

पिछले पांच साल में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सोने के भंडार में सबसे ज्यादा 34.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक इसका सोने का भंडार मार्च 2020 में 653.01 टन था, जो मार्च 2025 में बढ़कर 879.59 टन हो गया। इस तरह इसमें 226.58 टन की वृद्धि हुई। इस दौरान आरबीआई देश में 219.69 टन सोना लेकर आया। पांच साल में चीन के केंद्रीय बैंक ने 344 टन सोना खरीदा, लेकिन उसके भंडार में सिर्फ 18 प्रतिशत वृद्धि हुई।

आरबीआई के पास 2020 में था 653 टन सोना

अब देखते हैं कि बीते पांच साल में किस साल आरबीआई ने कितना सोना खरीदा और कितना स्वदेश लेकर आया। मार्च 2020 के अंत में RBI के पास 653.01 मीट्रिक टन सोना था। इसमें से 292.30 टन सोना देश में और बाकी 360.71 टन बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास पड़ा था। कीमत (डॉलर) के लिहाज से मार्च 2020 के अंत तक कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा 6.40 प्रतिशत था।

मार्च 2021 के अंत तक रिजर्व बैंक के पास 695.31 टन सोना था। इसमें से 292.30 टन सोना देश में था। आरबीआई का 403.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बीआईएस के पास था। मार्च 2021 के अंत तक कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा 5.87 प्रतिशत था।

2021-22 में सबसे ज्यादा बढ़ा भंडार (RBI Gold Buying)

पिछले 5 वर्षों में 2021-22 ऐसा साल था जब RBI का सोने का भंडार सबसे ज्यादा बढ़ा। मार्च 2022 के अंत तक रिजर्व बैंक का सोने का भंडार 65.11 टन बढ़कर 760.42 टन तक पहुंच गया। साल भर में RBI 3.5 टन सोना स्वदेश लेकर आया। इससे घरेलू स्तर पर आरबीआई का सोने का भंडार 295.82 टन हो गया। बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास 453.52 टन सोना रखा था। मार्च 2022 के अंत तक कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा 7.01 प्रतिशत हो गया था।साल 2022-23 में रिजर्व बैंक के सोने के भंडार में 34.22 टन की वृद्धि हुई। मार्च 2023 के अंत तक आरबीआई के पास 794.64 टन सोना हो गया था। इसमें से 301.10 टन सोना देश में और 437.22 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास था। विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2023 तक 7.81 प्रतिशत हो गई।

2023-24 में 800 टन के पार

2023-24 में रिजर्व बैंक के पास सोने का भंडार 800 टन को पार कर गया। यही नहीं, पहली बार देश में आरबीआई का सोने का भंडार बाहर पड़े भंडार से अधिक हो गया।

मार्च 2024 के अंत तक रिजर्व बैंक के पास 822.10 टन सोना था। उस वर्ष RBI 107.21 टन सोना स्वदेश लेकर आया। इससे देश में उसका भंडार 408.31 टन का हो गया। बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास 387.26 टन सोना था। कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा मार्च 2024 तक 8.15 प्रतिशत हो गया।मार्च 2025 के अंत तक रिजर्व बैंक का सोने का भंडार 879.59 टन पहुंच गया। इस वर्ष वह 103.68 टन सोना स्वदेश लेकर आया जिससे घरेलू स्तर पर उसका भंडार 511.99 टन का हो गया। बैंक ऑफ इंग्लैंड और बीआईएस के पास 348.62 टन सोना है। विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च 2025 के अंत 11.70 प्रतिशत हो गई।

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