देश में ठंड ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। ऊंचे पहाड़ी इलाकों में बर्फ पड़ने लगी है तो तराई क्षेत्रों में ठंडी हवाओं से शरीर ठिठुरने लगा है। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में ऊंचे पहाड़ी इलाकों पर बर्फ पड़नी शुरू हो गई है, जिससे वहां तापमान गिरने लगा है।
वहीं दक्षिण भारत में तमिलनाडु और पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान का खतरा बना हुआ है। मौसम विभाग का अनुमान है कि निवार तूफान तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों को 25 नवंबर को पार करेगा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दूसरे राज्यों में भी मौसम ने करवट बदल ली है।
कश्मीर घाटी समेत प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी व बारिश से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच मौसम विभाग ने 25 नवंबर तक भारी बर्फबारी और बारिश की आशंका जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। श्रीनगर-लेह हाईवे बंद कर दिया गया है। पुंछ-राजोरी को जोड़ने वाली मुगल रोड पहले से बंद चल रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 23 से 25 नवम्बर तक इन ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी की संभावना है और उसके बाद 26 नवम्बर की दोपहर से मौसम में सुधार आने की उम्मीद है। इस दौरान गुलमर्ग, सोनमर्ग, पहलगाम, कुपवाड़ा, बानिहाल, शोपियां, पुंछ, राजोरी के साथ-साथ पीर पांचाल की पहाड़ियों पर अच्छी खासी बर्फ रिकॉर्ड की जाएगी।
पहाड़ों की बर्फबारी से दिल्ली शीत लहर की चपेट में है। सप्ताह के पहले दिन यानि कि सोमवार की सुबह दिल्ली 2003 के बाद सबसे ठंडी रही। न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस नीचे 6.3 डिग्री पर रिकॉर्ड किया गया है। मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिख सकता है। आसमान में मामूली बादल छाए रहेंगे। मंगलवार से न्यूनतम तापमान में एक से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच इजाफा हो सकता है।
उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदली ली है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। जिससे निचले इलाकों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। राजधानी देहरादून में बादल छाए हुए हैं और शहर में भी कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। अल्मोड़ा, नैनीताल, भवाली और बागेश्वर में भी बादल छाए हुए हैं।
यमुनोत्री धाम सहित गीठ पट्टी के खरशाली, जानकी चट्टी, फूल चट्टी क्षेत्र में बर्फबारी हुई। जबकि यमुना घाटी में हल्की बूंदा बांदी हुई। क्षेत्र में दूसरी बार बर्फबारी-बारिश से घाटी में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम फिर बदलने वाला है। प्रदेश में पांच दिन तक बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं। 26 नवंबर तक मौसम खराब बना रहेगा। मध्य पर्वतीय क्षेत्रों चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों किन्नौर व लाहौल-स्पीति में 25 नवंबर को भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के मध्य व उच्च पर्वतीय भागों में 22 से 26 नवंबर तक बारिश और बर्फबारी की संभावना है। वहीं, मैदानी जिला ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में मौसम साफ रहने के आसार हैं। हालांकि 25 नवंबर को इन जिलों में बारिश होने की संभावना है।
पहाड़ी इलाकों पर बर्फबारी से मैदानी इलाकों में मौसम ने तेजी से रुख बदला है। उत्तर प्रदेश के कई इलाके शीतलहर की चपेट में हैं। पारे की गिरावट के साथ राज्य के कई क्षेत्रों में ठिठुरन शुरू हो गई है। लखनऊ में पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान एक डिग्री और घटकर 8.6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
तीन साल पहले लखनऊ के तापमान में इतनी गिरावट देखी गई थी। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान मुजफ्फरनगर रहा जहां रात का तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। गोरखपुर, प्रयागराज, बरेली, आगरा मण्डलों में रात का तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया।
उत्तर भारत के हरियाणा में भी सर्द हवाएं चल रही हैं और ठिठुरन बढ़ गई है। ऐसे में आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है। लोगों के सुबह और शाम को घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। राज्य के ज्यादातर इलाकों में तापमान में गिरावट आ रही है। राज्य में नारनौल सबसे ठंडा इलाका है, यहां तापमान सात डिग्री सेल्सियम के नीचे पहुंच गया है।
हरियाणा में हर दिन तापमान में तेज गिरावट हो रही है। मौसम विभाग की माने तो 25 नवंबर तक मौसम में बदलाव आ सकता है।
तमिलनाडु-पुडुचेरी में चक्रवाती तूफान ‘निवार’ का खतरा
मौसम विभाग का अनुमान है कि चक्रवाती तूफान 25 नवंबर को तमिलनाडु के मामल्लपुरम और पुडुचेरी के कराईकल तटों को पार करेगा। माना जा रहा है कि यह तूफान तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही मचा सकता है। मौसम विभाग ने बताया है कि इस दौरान हवा की रफ्तार 100-110 किमी प्रति घंटा होगी, जो बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक भी पहुंच सकती है।
तूफान के मद्देनजर तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।