महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपों का एक बार फिर से एनसीपी मुखिया शरद पवार ने बचाव किया है। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में देशमुख की ओर से 100 करोड़ रुपये की चिट्ठी का आरोप लगाया था।
यही नहीं मनसुख हिरेन की मौत के मामले में मुख्य आरोपी सचिन वाझे और अनिल देशमुख की मुलाकात की भी बात कही जा रही थी। इसका भी शरद पवार ने खंडन किया है। शरद पवार ने कहा कि पहली नजर में परमबीर सिंह के आरोप गंभीर लग रहे थे, लेकिन अब सबूतों के बाद लगता है कि उनकी बातों में दम नहीं है।
दिल्ली स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने कहा कि 5 से 16 फरवरी के दौरान कोरोना के चलते अनिल देशमुख अस्पताल में एडमिट थे।
शरद पवार ने कहा, ‘फरवरी में सचिन वाझे और अनिल देशमुख की मुलाकात की बात करना गलत है। इसके बाद वह 16 से 27 फरवरी तक घर में ही आइसोलेट थे। यही नहीं शरद पवार ने इस दौरान अस्पताल में भर्ती रहने का अनिल देशमुख का सबूत भी दिखाया। उन्होंने अपनी बात के समर्थन में अस्पताल का वह पर्चा भी दिखाया, जिसमें अनिल देशमुख के एडमिट होने की जानकारी थी।’