पहलवान बजरंग पूनिया बुधवार को पहले बान बैठा फिर मां ओमप्यारी ने दूध पिलाने की रस्म कराई। इसके बाद मां का आशीर्वाद लेकर बजरंग पूनिया बरात लेकर बलाली गांव के रवाना हो गए। कोरोना के कारण बजरंग व संगीता के परिवार वालों ने पहले ही शादी को सादगीपूर्ण तरीके से करने का फैसला लिया था और इस कारण ही बरात में परिवार के चंद लोग व रिश्तेदार ही पहुंचे।
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यह जरूर है कि शादी के बाद 27 नवंबर को रिसेप्शन रखा गया है, जिसमें परिवार के लोगों और रिश्तेदारों के अलावा बाहरी लोग भी बुलाए गए हैं। पहलवान बजरंग पूनिया व संगीता फौगाट की शादी पिछले साल तय हुई थी और दोनों के परिवार वालों ने ओलंपिक के बाद शादी करने का फैसला लिया था।
बजरंग के पिता बलवान सिंह ने उसी समय कहा था कि वे बेटे की शादी धूमधाम से करेंगे और गांव खुड्डन व सोनीपत दोनों जगह बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। लेकिन कोरोना ने बजरंग और उनके पिता के अरमानों को तोड़ दिया। ओलंपिक 2021 में खिसकने के कारण बजरंग व संगीता की शादी अचानक ही 25 नवंबर को करने का फैसला लिया गया।
बजरंग व संगीता के परिवार वालों ने तय किया कि सादगीपूर्ण तरीके से शादी की जाएगी, जिसमें बैंडबाजा भी नहीं होगा। यह जरूर है कि पहले ही तय कर लिया गया था कि शादी में सात की जगह आठ फेरे होंगे और शादी बिना दहेज के होगी। वहीं कोरोना के कारण बजरंग के घर अधिकतर रस्म बरात जाने से पहले हुई।
बजरंग पूनिया ने नीले रंग का सूट पहना था और परिजनों ने बताया कि नीला रंग ही बजरंग को सबसे ज्यादा पसंद है। उसके बाद अन्य रस्म कराई गई, जिनमें मां ओमप्यारी ने दूध पिलाई की रस्म कराई। उसके बाद बजरंग पूनिया को मां ओमप्यारी ने आशीर्वाद दिया और वह संगीता संग फेरे लेने सोनीपत से चरखी दादरी के गांव बलाली रवाना हो गए।
संगीत फौगाट द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर फौगाट की तीसरे नंबर की बेटी हैं। वो ‘दंगल गर्ल’ गीता और बबीता फौगाट की छोटी बहन हैं। संगीत अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान हैं। वो एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक विजेता हैं। बलाली निवासी संगीता फौगाट और बजरंग पुनिया करीब दो साल से एक दूजे के संपर्क में है।