एजेंसी/ नई दिल्ली : बांग्लादेश और पाकिस्तान से पलायन करके भारत आने वाले हिंदुओं को अब आसानी से भारत की नागरिकता मिल जाएगी। मोदी सरकार ने इसके लिए बहुत पहले ही वादा किया था। इन देशों में प्रताड़ित होकर लौटे भारतीयों को जल्दी ही इंडियन सिटीजनशिप मिल सकेगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए कानून में बदलाव करने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने सिटीजन एक्ट 1955 में संसोधन बिल लाने की तैयारियां कर ली हैं। यह बिल इसी मानसून सेशन में संसद में पेश किया जा सकता है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट के इस प्रपोजल का काम तकरीबन खत्म हो गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिल जाएगी। बता दें कि बीजेपी ने 2014 में अपने चुनावी एजेंडा में कहा था कि पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में धार्मिक आधार पर प्रताड़ित हो रहे हिंदुओं को भारत में शरण दी जाएगी।
यह अफगानिस्तान के हिंदुओं के लिए भी लागू होंगे। भारत में करीब 2 लाख रिफ्यूजी है, जिन्हें भारत में सेकेंड क्लास सिटीजनशिप मिली हुई है। जोधपुर, जैसलमेर, जयपुर, रायपुर, अहमदाबाद, राजकोट, कच्छ, भोपाल, इंदौर, मुंबई, नागपुर, पुणे, दिल्ली और लखनऊ में करीब 400 पाकिस्तानी हिंदू रिफ्यूजी कैम्प चल रहे हैं।
परिवार के एक सदस्य के लिए पंजीकरण शुल्क घटाकर 100 रुपए होगा, जो कि फिलहाल 5000 है। आवेदन की जांच भी अब गृह मंत्रालय नहीं बल्कि जिला न्यायधीश और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस करेगी। साथ ही बैंक अकाउंट खोलने, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड और आधार कार्ड बनवाने की भी मंजूरी मिलेगी।
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