पर्यटन सीजन से पहले नैनीताल समेत आसपास प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को सुविधाओं से लैस करने की कार्ययोजना तैयार है। वन महकमे ने किलबरी क्षेत्र में जलकुंड को ईको टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। वहीं पर्यटन विभाग ने नोबल पुरस्कार विजेता रविंद्र नाथ टैगोर की कर्मस्थली रही रामगढ़ के टैगोर टॉप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना तैयार कर शासन को भेज दी है। इसके अलावा जिले के 16 स्थानों पर 30-30 लाख की लागत से हाईटेक शौचालय बनाए जाएंगे। जिले के आसपास के इलाकों में प्राकृतिक, ऐतिहासिक स्थलों पर पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ाने की दिशा में सरकारी प्रयास शुरू हो चुके हैं।
ईको टूरिज्म स्पॉट बनेगा जलकुंड
जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर किलबरी रोड पर वन महकमे की ओर से बनाए गए जलकुंड को ईको टूरिज्म स्पॉट के रूप में विकसित करने की योजना है। नैना देवी कंजरवेशन रिजर्व में स्थित जलकुंड घने वनों के बीच में है। रेंजर ममता चंद ने बताया कि जलकुंड का काम 60 फीसद पूरा हो चुका है। उसके चारों ओर पौधरोपण होना है। चेक डैम बनने हैं। साइड डेवलपमेंट भी होना है। डीएफओ बीजू लाल के अनुसार जलकुंड के साथ ही पूरे नैना देवी बर्ड रिजर्व इलाके में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने की कार्ययोजना बनाई गई है।
राजकीय उद्यान बनेगा पर्यटन स्थल
कभी प्रसिद्ध बागानों के लिए प्रसिद्ध रामगढ़ का राजकीय उद्यान अब पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। 138 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैले इस राजकीय उद्यान को आचर्ड टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ बताते हैं कि राजकीय उद्यान की भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने को पत्र भेजा गया है। मुख्यमंत्री की 13 डिस्ट्रिक 13 डेस्टिनेशन स्कीम के तहत यह कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अलावा रामगढ़ मेें टैगोर टॉप के रूप में प्रसिद्ध स्थान में भी पर्यटन सुविधाओं का विस्तार होना है।
पर्यटन विभाग बनाएगा 20 हाईटेक शौचालय
पर्यटन विभाग जिले के 20 स्थानों पर पांच सीटर हाईटेक शौचालय बनाएगा। लालकुआं में यह काम जोरशोर से चल रहा है। इसके अलावा मुक्तेश्वर, रूसी बाइपास, कालाढूंगी रोड पर सरिताताल, मल्लीताल मेट्रोपोल, स्नोव्यू, तल्लीताल, हल्द्वानी महिला चिकित्सालय व तहसील, धारी तहसील, नौकुचियाताल, सुयालबाड़ी-खैरना, नथुवाखान समेत 20 स्थान है। इन शौचालयों की लागत 20 से 30 लाख तक है। डीएम सविन बंसल ने बताया कि जिले में नैनीताल समेत आसपास के पर्यटन स्थलों को टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़े, इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।