गणेश नगर इलाके में सीवर, जाम, पेयजल, पार्किंग आदि की इतनी समस्याएं है कि मुझे घर ही छोड़कर जाना पड़ा। मेरे घर के आगे महीनों तक गंदा पानी भरा रहता था। मैंने संबंधित विभाग को इसकी शिकायत भी की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। मजबूरन मुझे घर ही बदलना पड़ा।
उन्होंने कहा कि 14 साल पूर्वी दिल्ली के साउथ गणेश नगर में बिताए हैं। इलाके में रहने वाले अधिकतर लोग गंदा पेयजल, जाम, टूटी सड़कें, अतिक्रमण, सीवर आदि से परेशान हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां पीने का पानी गंदा आ रहा है। इसको पीने से बच्चे आए दिन बीमार पड़ जाते हैं। सीवर से नालियां व गलियां ओवरफ्लो हैं। मजबूरन लोगों को इसी से होकर घर के अंदर या बाहर जाना पड़ता है। सफाई के मामले में पूरे इलाके में अव्यवस्था है। अमूमन मुख्य सड़क के चारों ओर गंदगी फैली रहती है।
अधिकांश आबादी जाम को लेकर परेशान है। इलाके के पास से लक्ष्मीनगर-पटपड़गंज सड़क गुजरती है। यहां आए दिन जाम लगा रहता है। इसका सबसे बड़ा कारण शराब के ठेके और अतिक्रमण है। ठेकों के सामने लोग अपने वाहनों को अव्यवस्थित तरीके से लगा देते हैं। इस कारण अमूमन वहां से गुजरने वाला ट्रैफिक प्रभावित रहता है। इलाके में रिक्शे, टेम्पो, कार, ठेले आदि का भी अतिक्रमण है। निवासियों ने खुले में शराब पीने वाले लोगों की वजह से माहौल खराब होने की शिकायत भी की।
कागज में ही विलुप्त हो गया फुटओवर ब्रिज
गणेश नगर के लोगों का कहना है कि सुरक्षित तरीके से सड़क पार करने के वह मोहताज हो गए हैं। गणेश चौक पर फुटओवर ब्रिज न होने के कारण लोगों को तेज रफ्तार गाड़ियों के बीच से होकर सड़क पार करनी पड़ती है। इस दौरान कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। लोगों ने बताया कि फुटओवर ब्रिज पहले सेंक्शन था, लेकिन उसे कैंसिल कर दिया गया। इस तरह पैदल पार पथ कागजों में ही कहीं गायब हो गया।
करीब 30 साल से कॉलोनी में रह रहा हूं। यहां पानी की सबसे बड़ी समस्या है। पीने का पानी गंदा आ रहा है। इससे छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं। जेई को फोन करते हैं तो उनकी ओर से भी कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं होती है। समस्याओं में सीवर ब्लॉकेज भी सबसे ऊपर है। -कमल किशोर गुप्ता, प्रधान, साउथ गणेश नगर मार्केट
बड़े, बूढ़े, बच्चों के लिए मोहल्ले में पहले डिस्पेंसरी थी, वो भी बंद करा दी गई। अभी उन्हें पांडव नगर, पटपड़गंज या मयूर विहार जाना पड़ता है। जिन लोगों के पास पैसे नहीं हैं, वो अब कहां जाएंगे। एमसीडी को समस्या बताते हैं तो वह नेता से बात करने को कहती है। यह बड़ी गंभीर समस्या बन गई है। -राहुल शर्मा
गणेश चौक के पास बहुत अतिक्रमण है। यहां फुटओवर ब्रिज बनना था, वो भी नहीं बना। सड़क के पास दो ठेके हैं। शाम को लोग शराब लेकर यहां वहां खड़े हो जाते हैं। बहन-बेटियों का उस रास्ते से गुजरना मुश्किल हो जाता है। हर खंभे पर केबल वालों ने तार का जाल डाल रखा है। -शिव कुमार त्यागी
नालियां बहुत गंदी हैं। इससे दुकानदार बड़े परेशान हैं। ऐसे माहौल में काम करने की स्थिति नहीं बन पाती है। विधायक, निगम पार्षद आदि कहते हैं कि समस्या का समाधान हो जाएगा। शिकायत करने पर सभी इसको बोलेंगे, उसको बोलेंगे कहकर बात को टाल देते हैं। – योगेश कुमार गुप्ता
यहां समस्याओं का अंबार है। शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकलता है। पार्किंग की भी बड़ी दिक्कत है। साइकिल तक खड़ी नहीं कर सकते, गाड़ी तो दूर की बात है। जनसंख्या की दृष्टि से समस्या व निवारण का अनुपात बेहद कम है। -एकता अग्रवाल