Madhya Pradesh Urban Body Election हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने परिसीमन को दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए जनपद व जिला पंचायत के परिसीमन संबंधी रिकार्ड पेश करने के लिए राज्य सरकार को मोहलत दे दी है। याचिकाओं में परिसीमन की प्रक्रिया के आदेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इसके लिए 12 फरवरी तक का समय दिया है।
परिसीमन की प्रक्रिया को लेकर गुना की ललिता मीना पूरे प्रदेश से 45 लोगों ने याचिकाएं दायर की हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएन सिंह ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि नियमानुसार परिसीमन के आदेश राज्य शासन द्वारा नहीं बल्कि राज्यपाल द्वारा जारी किए जाने थे।
जबकि राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिला कलेक्टर ने संबंधित नगर निगम, नगर पालिकाओं, जनपद पंचायतों व जिला पंचायतों की परिसीमन प्रक्रिया पूरा करने का आदेश दिया। लेकिन सरकार ने राज्य के विभिन्न् जिला कलेक्टरों को सीधे परिसीमन के आदेश दे दिए। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर व उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे ने तर्क दिया कि परिसीमन के लिए राज्यपाल की शक्तियां कलेक्टर को उपार्पित की गई हैं।
कोर्ट के रिकार्ड मांगने पर सरकार की ओर से आग्रह किया गया कि जनपद व जिला पंचायतों के परिसीमन से संबंधित मूल रिकार्ड पेश करने के लिए समय दिया जाए। नगरीय निकायों के परिसीमन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई 12 फरवरी को होगी है, लिहाजा उन्हीं के साथ इन याचिकाआंे की भी सुनवाई की जाए। कोर्ट ने आग्रह मंजूर कर लिया।