हालांकि अन्नाद्रमुक की महासचिव वीके शशिकला को रविवार को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के कुछ और सांसद और बड़े नेता पन्नीरसेल्वम कैंप में चले गए। वेल्लोर से सेंगुत्तुवन, तूतीकोरिन के जयसिंह और पेरांबलुर के सांसद आरपी मुरुथराजा ने पाला बदल लिया है। तमिलनाडु के केयरटेकर मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के पास अब अन्नाद्रमुक के 50 सांसदों में से 10 का समर्थन है। इनमें 8 सांसद लोकसभा से हैं, जबकि 2 सांसद राज्यसभा से हैं।
पनीरसेल्वम के समर्थन में उतरे मंत्री-सांसद, शशिकला ने कहा- जवाब दे रहा धैर्य
पन्नीरसेल्वम के साथ आने वालों में पार्टी की स्थायी समिति के चेयरमैन सी. मधुसुदन, वरिष्ठ नेता सी. पोन्नायन, वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पी. विजयालक्षमी पलानीसामी और पूर्व ऊर्जा मंत्री नाथम विश्वनाथन प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन नेताओं ने रविवार को पन्नीरसेल्वम के पक्ष में पाला बदल लिया।
दूसरी ओर अन्नाद्रमुक के पूर्व सांसद रामाराजन, तिरुवन्नामलाई के सांसद आर. वनरोजा, सांसद आर. लक्ष्मणन और एस. राजेंद्रन ने भी पनीरसेल्वम से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन दिया है।
रामाराजन ने कहा, ‘पन्नीरसेल्वम अब हमारे नेता हैं, वे एमजी रामचंद्रन के रास्ते पर चल रहे हैं।’
पन्नीरसेल्वम कैंप को उम्मीद है कि मंगलवार तक पार्टी के 25 फीसदी विधायक उनके पाले में आ सकते हैं। अभी तक 6 विधायकों ने पन्नीरसेल्वम का समर्थन दिया है। इनमें तमिलनाडु के शिक्षामंत्री एम. पांडियाराजन भी शामिल हैं, जिन्होंने सबसे पहले शशिकला का साथ छोड़ा था।
शशिकला ने कहा- जवाब दे रहा धैर्य
इससे पहले शनिवार को शशिकला ने कहा था कि उनका धैर्य टूट रहा है और अन्नाद्रमुक काडर इस पर अलग तरीके से विरोध दर्ज कराएगा। गौरतलब है कि तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव ने राज्य के राजनीतिक संकट को हल करने के लिए अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।
अन्नाद्रमुक महासचिव ने बाद में कहा कि ‘राज्यपाल के फैसले में हो रही देरी की वजह से उन अटकलों ने जोर पकड़ा है कि यह सब पार्टी में विभाजन डालने के लिए हो रहा है।’ शशिकला ने कहा, ‘हमने अभी तक राज्यपाल के फैसले के लिए इंतजार किया है, लेकिन रविवार से इस मसले पर हम अपना विरोध दर्ज कराएंगे।’
शशिकला गुट के सांसद आर. वैथिलीगम ने कहा कि पार्टी महासचिव राज्यपाल के निर्णय की प्रतीक्षा कर रही हैं, अगर सोमवार तक इस बारे में कोई फैसला नहीं होता है, तो हम अगले कदम की घोषणा करेंगे।
इस बीच सुब्रह्मण्यम स्वामी ने तमिलनाडु सरकार को सोमवार तक मुख्यमंत्री का मसला सुलझाने को कहा है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है, तो हॉर्स ट्रेडिंग का मामला दर्ज कराएंगे। स्वामी ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने डीए केस में जयललिता के नाम को हटाने के लिए आवेदन दायर किया है। हालांकि यह कानूनी मसला है और सुप्रीम कोर्ट इस पर निर्णय लेगा।