PM मोदी : पद आते हैं, उच्च पद आते हैं, सत्ता आती है और इन्हें किस तरह से संभालना है, यह गुलाम नबी आजाद जी से सीखना चाहिए। मैं उन्हें सच्चा दोस्त समझूंगा।

उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।
मैं श्री आजाद के प्रयासों और श्री प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा, जब गुजरात के लोग कश्मीर में हुए आतंकी हमले के कारण फंस गए थे। गुलाम नबी जी लगातार इसकी निगरानी कर रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।
मैं श्री गुलाम नबी आजाद को वर्षों से जानता हूं। हम एक साथ मुख्यमंत्री थे। मैंने सीएम बनने से पहले भी बातचीत की थी, जब आजाद साहब सक्रिय राजनीति में थे। उनके एक जुनून के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते हैं, वो है बागवानी।
श्री गुलाम नबी आजाद ने सांसद और विपक्ष के नेता के रूप में बहुत उच्च मानक स्थापित किए हैं। उनका काम सांसदों की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
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