भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अजय पाल शर्मा के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में केस दर्ज किया गया है. उत्तर प्रदेश के गृह विभाग के निर्देश पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. नोएडा के पूर्व एसएसपी वैभव कृष्ण ने भी अजय पाल शर्मा पर आरोप लगाए थे.
अजय पाल शर्मा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 201 और 120बी के तहत केस दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ दीप्ति शर्मा नाम की महिला ने केस दर्ज कराया है. महिला ने खुद को अजय पाल शर्मा की पत्नी बताया है. महिला का दावा है कि उसने 2016 में अजय पाल शर्मा के साथ शादी रचाई थी. इस शादी की रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद में हुई थी. उस वक्त अजय पाल शर्मा एसपी सिटी गाजियाबाद के पद पर तैनात थे.
महिला ने दावा किया है कि रामपुर सिविल थाने से अजय पाल शर्मा के कहने पर कुछ लोग गाजियाबाद स्थित उनके घर आए थे और लैपटॉप के साथ कई जरूरी सबूत उठाकर चले गए थे.
इसकी शिकायत भी महिला ने डीआईजी रेंज मेरठ और अन्य संबंधित अधिकारियों को दी थी. मार्च 2019 में अजय पाल शर्मा से बातचीत हुई थी, जिसके बाद उन्होंने परेशान करना शुरू कर दिया था.
महिला ने आरोप लगाया है कि उस पर अजय पाल शर्मा के इशारे पर ठगी का केस दर्ज हुआ है. उससे सबूत छीन लिए गए, साथ ही जेल भी भेज दिया गया. महिला ने आरोप लगाए हैं कि कई अन्य मुकदमे भी दर्ज किए गए.
विशेष सचिव गृह अनिल कुमार सिंह के निर्देश पर हजरतगंज पुलिस ने आईपीएस अजय पाल शर्मा के खिलाफ गबन, आपराधिक साजिश और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है. महिला द्वारा दर्ज कराए गए रिपोर्ट में अन्य पुलिसकर्मियों को भी आरोपी बनाया गया है.
पुलिस का कहना है कि मामले की छानबीन की जा रही है. गौरतलब है कि नोएडा से हटाए गए आईपीएस वैभव कृष्ण ने जिन पांच अफसरों पर आरोप लगाया था, उनमें अजय पाल शर्मा भी शामिल हैं.
इनके खिलाफ एसआईटी जांच भी हुई थी, जिसमें अजय पाल के खिलाफ भी सबूत मिले हैं. गौरतलब है कि अजय पाल के नाम 100 से अधिक एनकाउंटर दर्ज हैं.