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आरोपी पति के मुताबिक, बैंक पीओ चारूलता किसी गैर मर्द से बात करती थी, जो उसे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने उसकी हत्या कर दी. उनके सहयोग की वजह से वह बैंक पीओ बनी, लेकिन नौकरी के बाद उन लोगों को भाव नहीं देती थी. इसी बीच उसके फेसबुक और व्हाट्सएप अकाउंट से उसकी असलीयत सामने आ गई.
बीते सोमवार को पटना के पत्रकारनगर थाने अंतर्गत शिव बिहार अपार्टमेंट में चारूलता माउर की लाश बरामद हुई थी. घर से बदबू आने के बाद पता चला था कि बैंक ऑफ बड़ौदा में काम करने वाली पीओ चारूलता माउर की हत्या हो गई है. हत्या का शक पूरी तरह से उसके ससुरालवालों पर था, क्योंकि वे घर छोड कर फरार हो गए थे.
चारूलता के परिजनों ने आरोप लगाया कि उसके ससुराल से लगातार दहेज की मांग होती थी. उसे मारापीटा जाता था. चारुलता की मां सरिता मउरार पटना के सुलतानगंज मुहल्ले में रहती हैं. उन्होंने आशंका जाहिर की थी कि यह घटना तीन दिन पहले हुई है. उसकी बेटी के पति और अन्य परिवारवालों ने मिलकर उसकी हत्या कर फरार हो गए.
आरोपी पति ने पुलिस को बताया कि 23 जुलाई को सुबह 10 बजे वह चारूलता को लेकर मंदिर गया था. उसने उसे 1000 रुपये का नोट दिया. प्रसाद खरीदने के बाद वह वहां से निकल गया, लेकिन आगे चिरैयाटांड पुल जाम होने की वजह से लौट कर मंदिर आ गया. उसने वहां देखा कि पत्नी किसी दूसरे से मोबाइल से बात कर रही थी.
उसने जब पूछा तो पत्नी ने बताया कि वह अपनी मां से बात कर रही थी. लेकिन फोन नंबर कोई दूसरा था. इसके बाद दोनों में झगड़ा होने लगा. इसके बाद पति ने पत्नी के मोबाइल में फेसबुक और व्हाट्सएप चेक किया तो किसी गैर मर्द से उसने अश्लील चैट किए थे. इसके बाद वह आगबबूला हो उठा और उसने उसे खत्म करने की योजना बना दी.
23 जुलाई की रात मृत्युंजय ने चारूलता का गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. इसके बाद चाकू से उसके एक-एक अंग को काट डाला. उसने पहले उसके पैर काटे, फिर पेट और गर्दन को काटकर लाश ठिकाने लगाने की कोशिश करने लगा, लेकिन थकने की वजह से ये काम नहीं कर सका. सोने की कोशिश भी किया, लेकिन बेचैनी में उसे नींद नहीं आई.
हत्या में प्रयोग किए गए चाकू को धोकर बाथरूम में रखने के बाद खून से सने कपड़े बदले और रविवार की सुबह वह बेतिया के लिए निकल गया. पुलिस को आरोपी पति ने बताया कि गुस्से की वजह से उसे जरा एहसास नहीं था कि वह क्या कर रहा है. हत्या के बाद वह करीब 14 घंटे तक लाश के साथ रहा. उसे ठिकाने लगाने की जुगत भिड़ा रहा.
एसएसपी मनु महराज ने बताया कि मृत्युंजय और चारूलता के बीच एक साल से विवाद चल रहा था. मृत्युंजय ने चारूलता को किसी गैर मर्द से बात करते हुए देखा. इसके बाद से वह डिप्रेशन में चला गया था. इसी वजह से 23 जुलाई को दोनों के बीच विवाद हुआ था, जिसके बाद मृत्युंजय ने चारूलता की हत्या कर दी और घर से फरार हो गया.