बाबा रामदेव की अगुआई वाली पतंजलि आयुर्वेद ने बुधवार को 250 करोड़ का डिबेंचर सब्सक्रिप्शन के लिए खोला था। पतंजलि का यह डिबेंचर खुलने के तीसरे मिनट में ही पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया।

पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने यह जानकारी दी है। पतंजलि की डिबेंचर इश्यू से प्राप्त रकम से अपनी कार्यशील पूंजी जरूरतों को पूरा करने और सप्लाई चेन नेटवर्क को मजबूत करने की योजना है।
हरिद्वार बेस्ड कंपनी का यह पहला डिबेंचर इश्यू था। इस डिबेंचर में मैच्योरिटी की तारीख 28 मई 2023 है। अर्थात यह तीन सालों के लिए है।
इस गैर-परिवर्तनीय डिबेंटर (NCDs) के साथ 10.10 फीसद की कूपन रेट है। अर्थात इस पर 10.10 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा। साथ ही डिबेंचर शेयर बाजार में सूचीबद्ध और विमोचनीय होंगे। पतंजलि पिछले कुछ सालों से एफएमसीजी सेक्टर की दिग्गज कंपनियों में शामिल है।
पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने बताया, ‘इस महामारी के समय में इम्युनिटी बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग बढ़ी है।
साथ ही अन्य उत्पादों की मांग भी बढ़ी है। इससे हमारी सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ा है। निर्माण से लेकर वितरण तक पूरी सप्लाई चेन में दबाव बढ़ा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए फंड जुटा रहे हैं। जिससे कि हम निर्माण से लेकर वितरण तक की प्रकिया को सरल कर सकें।’
पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार बेस्ड पतंजलि आयुर्वेद ने 4,350 करोड़ रुपये में दिवालिया हुई रुचि सोया का अधिग्रहण पूरा किया था।
हाल ही में कई कंपनियों ने डिबेंचर के जरिए बाजार से पैसा जुटाने की योजना की घोषणा की है, क्योंकि इस समय कंपनियां नकदी के संकट से जूझ रही हैं।
कंपनियों को अपनी उत्पादन क्षमता को फिर से पुराने स्तर तक खोलने और सप्लाई पाइपलाइन को सुचारू करने के लिए पैसों की आवश्यकता है।
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