पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव होने जा रहे हैं। धार्मिक पार्टियों ने नेशनल असेंबली के इस चुनाव में 460 से अधिक प्रत्याशी उतारे हैं जो अभी तक की सर्वाधिक संख्या है। इन धार्मिक में आतंकी हाफिज सईद के प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा की राजनीतिक शाखा भी शामिल है।पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी कर दी है।
इस सूची के मुताबिक, नेशनल असेंबली की 272 सीटों के लिए चुनाव होगा और इसके लिए 3,459 प्रत्याशी मैदान में हैं। पाकिस्तानी दैनिक अखबार ‘द नेशन’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 1970 में जुल्फिकार अली भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान में शेख मुजीबुर रहमान की अवामी लीग के प्रत्याशियों के खिलाफ जमात-ए-इस्लामी ने सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। इसके बाद 2002 में मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमाल (एमएमए) ने भी पूरे देश में प्रत्याशी उतारे थे। लेकिन, इस बार यह आंकड़ा सबसे अधिक है।रिपोर्ट के अनुसार एमएमए, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान, हाफिज सईद के जमात-उद-दावा की राजनीतिक शाखा मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) समर्थित अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक पार्टी और अन्य छोटे दलों ने 460 से अधिक प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। ये उम्मीदवार कई सीटों पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकते हैं। नतीजों से जाहिर हो जाएगा कि पाकिस्तान में कुल धार्मिक वोट कितने हैं। इन पार्टियों का राजनीतिक वजन भी पता चल जाएगा और भविष्य के चुनावों में मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के साथ सौदेबाजी में सक्षम होंगी या नहीं।
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