पकिस्तान: कश्‍मीर के लिए किसी भी हद तक जा सकते, बोले ‘गले की नस’, फिर दी भारत को चेतावनी

पाकिस्‍तान का बड़ा से बड़ा दिन चाहे वहां का स्‍वतंत्रता दिवस हो या फिर आज का शहीद दिवस कश्‍मीर और भारत का नाम लिए बगैर शायद ही उनके हलक से निवाला उतरता हो।

शुक्रवार को शहीद दिवस के मौके पर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्‍मीर को पाकिस्‍तान के ‘गले की नस’ बताया और कश्‍मीर का विशेष दर्जा समाप्‍त करने वाले भारत के कदम को अनैतिक करार दिया। गले की नस का अर्थ खून की वह नस जो दिल से दिमाग को जोड़ती है। उनके कहने का अर्थ की कश्‍मीर पाकिस्‍तान के लिए काफी महत्‍व रखता है।

…घटती नहीं बेचैनी
पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्‍तान के रक्षा और शहीद दिवस के मौके पर दिए गए अपने संदेश में कहा कि कश्‍मीर से इसका विशेष दर्जा हटा देना देश की संप्रभुता को चुनौती है। 1965 के भारत पाक युद्ध की बरसी को पाकिस्‍तान में रक्षा व शहीद दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इसके अलावा यहां के राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी ने भी अपने संदेश में कहा कि पाकिस्‍तान कश्‍मीर की जनता के प्रति समर्थन जारी रखेगा और इस मामले को तमाम मंचों पर उठाएगा।

कश्‍मीर को गले की नस बताने वालों में नवाज शरीफ भी 
कश्‍मीर को इतना खास बनाने वाले पाकिस्‍तान में पहले भी कई नेता रहे हैं। आज कश्‍मीर को पाकिस्‍तान के ‘गले की नस’ करार देने वाले पाकिस्‍तानी नेताओं में प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम भी शुमार हो गया। वर्ष 2015 में क्षेत्र में शांति स्थापित करने की बात करने वाले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर को पाकिस्तान के लिए ‘गले की नस’ बताया था। वर्ष 2016 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति ममनून हुसैन व सेना प्रमुख राहिल शरीफ ने कश्मीर को ‘पाकिस्तान के गले की नस’ करार दिया था। उन्होंने यह कहा था कि भारत के साथ इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान होना चाहिए।

बीते शुक्रवार को मना था ‘कश्‍मीर ऑवर’
कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को समाप्त करने के भारत के फैसले से परेशान पाकिस्तान की सरकार ने इस मामले को अपने लोगों में बनाए रखने के लिए बीते शुक्रवार को भी आधे घंटे का ‘कश्मीर ऑवर’ मनाया था। इस दौरान देश भर में दोपहर बारह से साढ़े बारह बजे के बीच ट्रैफिक रोककर, रैलियों को संबोधित कर ‘कश्मीरियों से एकजुटता’ दिखाई गई थी। इससे पहले पाकिस्तान ने अपने स्वतंत्रता दिवस (14 अगस्त) को भी कश्मीरी एकजुटता दिवस के रूप में मनाया था।

आर्मी जनरल ने भी दी गीदड़भभकी
वहीं रावलपिंडी के जनरल मुख्यालय में रक्षा और शहीद दिवस के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्‍तान के आर्मी जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी भारत को गीदड़भभकी दी। उन्‍होंने कहा कि वह कश्मीर मामले पर किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्‍होंने कहा पाकिस्‍तान ने आतंक के खिलाफ जीत हासिल की और अब गरीबी और पिछड़ेपन को खत्‍म करने के लिए लड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान दुनिया को शांति और सुरक्षा का संदेश दे रहा है।’

इमरान खान ने कहा, ‘पाकिस्‍तान के लिए कश्‍मीर इसके गले की नस है। इसका विशेष दर्जा हटाना पाकिस्‍तान की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए चुनौती है। मैंने अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय से भी भारत के परमाणु शस्‍त्रागार की सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया है। यह ऐसा मामला है जो न केवल दक्षिण एशियाई क्षेत्र बल्‍कि पूरी दुनिया पर प्रभावित करेगा।’

विश्‍व समुदाय से पाक की अपील
प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि भारत के परमाणु शस्‍त्रागार पर ध्‍यान देने में विश्‍व समुदाय असफल रहा तो होने वाले भयंकर दुष्‍परिणाम का भी जिम्‍मेवार वही होगा। उन्‍होंने कहा, ‘मैंने दुनिया को जानकारी दे दी कि पाकिस्‍तान युद्ध नहीं चाहता लेकिन उसी समय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती पर चुप नहीं रहेगा।’ 5 अगस्‍त को जम्‍मू कश्‍मीर के पुनर्गठन व अनुच्‍छेद 370 को हटाए जाने के बाद भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव शुरू हो गया है।

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