प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को जनसंघ के संस्थापकों में से एक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि के मौके पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की विदेश नीति दबाव से मुक्त होकर राष्ट्र प्रथम की भावना से आगे बढ़ रही है. पीएम मोदी ने कहा कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था का मंत्र दीनदयाल जी ने दिया, जिसमें पूरा भारत शामिल रहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय लगातार समाज और हमें प्रेरणा देने का काम करते आए हैं. दीनदयाल जी के विचारों में हर बार नई ताजगी देखने को मिलती है. मौजूदा वक्त में भी उनके विचार उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने पहले थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सत्ता की ताकत से आपको सीमित सम्मान मिल सकता है, लेकिन विद्वान का सम्मान हर जगह होता है. दीनदयाल एक विचार को लेकर आगे बढ़ रहे थे, लेकिन वो अन्य विचार वालों के साथ भी सहज थे.
दीनदयाल जी ने अपनी पॉलिटिकल डायरी में नेहरू जी की सरकार की आलोचना की थी, लेकिन जब उस किताब को प्रकाशित किया तो उन्होंने कांग्रेस नेता संपूर्णानंद से ही लिखवाया.
पीएम मोदी बोले कि दीनदयाल कहते थे कि एक सबल राष्ट्र ही विश्व का कल्याण कर सकता है, आत्मनिर्भर भारत भी इसी का उदाहरण है. कोरोना काल में देश ने अंत्योदय की भावना को सामने रखा.
कोरोना काल में भारत दुनिया को वैक्सीन दे रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत में डिफेंस कॉरोडिर, स्वदेशी हथियार, तेजस जैसे विमान भी बन रहे हैं.
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