पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा राज्य में प्रशासनिक तथा पुलिस फेरबदल बारे जल्द फैसला लिया जाएगा। राज्य में वार्षिक विभागीय तबादले भी अभी लंबित पड़े हुए हैं। राज्य के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों की नजरें इस समय मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ टिकी हुई हैं। लोकसभा चुनावों के कारण इन तबादलों में देरी हुई है।
पहले लोकसभा चुनाव और उसके बाद जालंधर वैस्ट विधानसभा हलके के उपचुनाव के कारण तबादलों बारे राज्य सरकार फैसला नहीं ले सकी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कैबिनेट की बैठक भी बुलानी है। कैबिनेट की बैठक में ही वार्षिक तबादलों बारे नीति बनाई जाएगी।
इसी तरह से कैबिनेट की बैठक में ही विभागीय तबादलों का समय तय किया जाएगा। विभागीय तबादले न होने के कारण कई जिलों में सरकारी कामकाज पर असर पड़ रहा है। इसी तरह से जिलों में पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले भी लंबित पड़े हुए हैं। अधिकारी भी लगातार सरकार की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं। तबादलों के बाद ही सरकारी कामकाज में स्थिरता आती है।
सरकारी हलकों में कहा जा रहा है कि तबादलों को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा अगले 2-3 दिनों में फैसला लिए जाने के आसार हैं। इसी तरह से मुख्यमंत्री द्वारा कैबिनेट की बैठक बुलाने बारे भी फैसला ले लिया जाएगा। तबादले इसलिए भी अनिवार्य हो गए हैं क्योंकि आने वाले समय में राज्य में सरकार ने जहां कार्पोरेशन चुनाव करवाने हैं वहीं दूसरी ओर केंद्रीय चुनाव आयोग ने 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी करवाने हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान किन-किन अधिकारियों का आम आदमी पार्टी को समर्थन हासिल नहीं हुआ था। उनके बारे में भी सरकार ने जल्द फैसला लेना है। मुख्यमंत्री चूंकि फिलहाल चुनावी कामों से मुक्त हो गए हैं, इसलिए अब सरकार ने राज्य से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले भी लेने हैं। इससे पहले तबादले किए जाने अनिवार्य हैं क्योंकि कई स्थानों पर नए अधिकारियों को सरकार जिम्मेदारी सौंपना चाहती हैं।