मौसम विभाग ने पंजाब के छह जिलों में 30-40 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चलने व बारिश होने की भविष्यवाणी की है। इनमें फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा शामिल हैं। शुक्रवार को पंजाब के अधिकतम तापमान में 0.9 डिग्री और न्यूनतम पारे में दो डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई।
पंजाब में बीते कुछ दिनों से चल रही तेज हवाओं में बारिश से तापमान में गिरावट के चलते गरमी से राहत रही, लेकिन रविवार से एक बार फिर से लू का प्रकोप देखने को मिलेगा।
मौसम विभाग ने रविवार से तीन दिनों के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया है। इस दौरान तापमान में दो से तीन डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है। फिलहाल शनिवार को तेज गरमी से कुछ निजात रहेगी।
हालांकि अधिकतम फिलहाल सामान्य के नजदीक और न्यूनतम सामान्य से 2.3 डिग्री नीचे बना है। 42.5 डिग्री के तापमान के साथ गुरदासपुर सबसे गर्म रहा। अबोहर का सबसे कम 20.5 डिग्री का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया। वहीं अमृतसर का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री, लुधियाना का 39.4, पटियाला का 40.7, पठानकोट का 39.9, बठिंडा का 41.0, फरीदकोट का 41.1, फिरोजपुर का 39.3 डिग्री और जालंधर का 38.0 डिग्री दर्ज किया गया। उधर अमृतसर का न्यूनतम पारा 23.3 (सामान्य से 1.1 डिग्री नीचे), लुधियाना का 21.8 डिग्री (सामान्य से 3.6 डिग्री नीचे), पटियाला का 26.1, पठानकोट का 24.1, बठिंडा का 24.0 (सामान्य से 1.6 डिग्री कम), बरनाला का 23.9, फरीदकोट का 25.4, फिरोजपुर का 24.3, जालंधर का 23.1 डिग्री दर्ज किया गया।
जून के आखिरी सप्ताह में दस्तक देगा मानसून
मौसम विभाग के चंडीगढ़ केंद्र के डायरेक्टर एके सिंह के मुताबिक पंजाब में 27 जून को मानसून के दस्तक देने की पूरी संभावना है। साथ ही कहा कि इस बार मानसून सामान्य से अच्छा रहेगा। पिछले साल जुलाई में पंजाब के कई जिलों में बाढ़ आई थी, इस बार कैसा रहेगा, इस सवाल के जवाब में डायरेक्टर ने कहा कि एक्सट्रीम वेदर केस बढ़ रहे हैं, ऐसे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग को एक्सट्रीट वेदर कंडीशंस के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन पौधरोपण की बजाय पेड़ों का कटान हो रहा है। डायरेक्टर ने कहा कि गेहूं की नाड व धान की पराली जलाने से प्रदूषण ज्यादा फैल रहा है।
डायरेक्टर ने कहा कि मई महीने में 47 व 48 डिग्री के तापमान को ही काफी ज्यादा माना जाता है। इस बार लू ज्यादा चलने के कारण पारा 50 डिग्री के पास पहुंच गया था। अब आगे इस गरमी के सीजन में तापमान इससे और ऊपर दर्ज किए जाने की संभावना नहीं है।