पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। कैप्टन सोमवार को शहीद भगत सिंह के 113वें जन्मदिवस पर शहीद-ए-आजम को श्रद्धांजलि देने उनके गांव खटकड़ कलां पहुंचे। यहां वे कृषि कानून के खिलाफ धरने पर भी बैठ गए। कैप्टन के साथ कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत, प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ व उनके मंत्री-विधायक भी मौजूद रहे।

इस दौरान कैप्टन ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्ष में उनकी सरकार ने आईएसआई जैसी देश विरोधी एजेंसियों के विरोध में बेहद अच्छा काम किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने नया बिल लाकर प्रदेश की शांति बिगाड़ दी है।
आईएसआई माहौल बिगड़ने पर लाभ उठाने की कोशिश करती है, लेकिन उनकी सरकार पंजाब का माहौल नहीं बिगड़ने देगी। उन्होंने यह बात पंजाब में आईएसआई द्वारा किसान आंदोलन के बीच किसी तरह की कार्रवाई करने के सवाल पर कही।
कैप्टन ने कहा कि पंजाब में नया कृषि कानून आने के बाद स्थिति बेहद खराब हो जाएगी। जब लोगों की रोटी छीनी जाएगी तो वे विरोध करेंगे ही। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के किसान आंदोलन में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे राहुल गांधी से निवेदन करेंगे कि पंजाब में किसानों की लड़ाई में हिस्सा लें।
कैप्टन ने कहा कि किसानों के हक की लड़ाई में पंजाब सरकार को सुखबीर बादल की मदद की जरुरत नहीं। पंजाब में अकाली दल जनाधार खो चुका है तथा पंजाब सरकार नए कृषि बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रही है। एग्रीकल्चर स्टेट का विषय है, लेकिन केंद्र सरकार ने किसान बिल लाकर राज्य के अधिकारों को छीनने की कोशिश की है।
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