पंजाब में अकाली दल और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम था। गठबंधन की घोषणा लगभग पक्की मानी जा रही थी लेकिन शिअद की कोर कमेटी की बैठक में पास कई प्रस्तावों के कारण इसकी राह मुश्किल लग रही थी। पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने आज प्रदेश में सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया था।
पंजाब में भाजपा के अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के एलान पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रतिक्रिया दी। बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल कोई मामूली सियासी पार्टी नहीं है, यह एक उसूल वाली पार्टी है। हमारे लिए नंबर गेम से ज्यादा उसूल महत्वपूर्ण हैं।
सुखबीर ने कहा कि अकाली दल ने सरकार बनाने के लिए पार्टी नहीं बनाई, कौम की रक्षा, पंजाब की रक्षा, शांति और भाईचारा पंजाब में बना रहे यह अकाली दल की जिम्मेदारी है। दिल्ली की राष्ट्रीय पार्टियां सिर्फ वोट की राजनीति करती है, हम वोट की राजनीति नहीं करते।
बता दें कि भाजपा ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा और अकाली दल में सहमति नहीं बन पाई। पार्टी के पंजाब प्रधान ने इस बाबत एक्स पर ट्वीट किया था।
दरअसल शिरोमणि अकाली दल की कोर कमेटी में पारित प्रस्ताव से पंजाब में अकाली दल और भाजपा के गठबंधन पर प्रश्नचिह्न लग गया था। भाजपा को अकाली दल की कोर कमेटी के पारित प्रस्ताव में कई मुद्दों पर सख्त आपत्ति थी। कारण यह था कि कई मुद्दे राष्ट्रवाद से जुड़े हुए हैं। जिसमें एनएसए को खत्म करने, फिरोजपुर व अटारी बॉर्डर को खोलने जैसे मुद्दों पर भाजपा अकाली दल से सुर नहीं मिला रही थी।
भाजपा के पंजाब के सहप्रभारी डॉ. नरिंदर रैना भी पहले ही कह चुके थे कि भाजपा का मुद्दा राष्ट्रवाद है और इस पर पार्टी कभी समझौता नहीं कर सकती। एक देश एक राष्ट्र की बुलंद आवाज लेकर भाजपा पंजाब में 13 सीटों के लिए तैयार है, लेकिन अपने मुद्दे व नीतियों से समझौता नहीं करेगी।