पंजाब: बागी अकाली आज अकाल तख्त साहिब पर होंगे इकट्ठा

बागी ग्रुप नए अकाली दल की स्थापना के साथ की योजना लागू करने के लिए पहले चरण में कोई अध्यक्ष न चुनकर एक-एक कन्वीनर का एलान करेंगे।

अकाली दल बादल के बराबर पार्टी तैयार करने के लिए बागी आज एक जुलाई को सुबह 11 बजे अकाल तख्त साहिब पर पहुंच रहे हैं। अकाली दल का बागी ग्रुप सोमवार को पंजाब पंथ व अकाली दल को बचाने के लिए अकाल तख्त साहिब से मुहिम की शुरुआत करेगा। बागी ग्रुप अकाली दल को बचाने की मुहिम शुरू करने से पहले उस सच को अकाली तख्त साहिब से पूरे पंथ के लिए जारी करने जा रहा हैं, जिसके तहत डेरा सिरसा के मुखी गुरमीत राम रहीम सिंह को तख्तों के जत्थेदारों के माध्यम से प्रकाश सिंह बादल ने अपनी कोठी में बुलाकर आदेश जारी किए थे।

उस समय के चश्मदीद नेता इस बात को सार्वजनिक करने के साथ-साथ अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को पत्र भी सौंपेंगे। वहीं इसमें खुद को व अन्य दोषियों को अकाल तख्त साहिब पर तलब करने की भी मांग उठाकर जत्थेदार से धार्मिक सजा दिए जाने की अपील करेंगे।

सूत्रों के अनुसार बागी ग्रुप नए अकाली दल की स्थापना के साथ की योजना लागू करने के लिए पहले चरण में कोई अध्यक्ष न चुनकर एक-एक कन्वीनर का एलान करेंगे। वहीं इस दौरान राज्य भर में पंथक गतिविधियों को चालान और ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के सभी ग्रुपों को एक मंच पर इकट्ठा करके, अकाली दल का विद्यार्थी विंग भी घोषित करने की नीतियों को तैयार कर चुका है।

यह भी पता चला है कि बागी ग्रुप ने नेता अकाल तख्त से ही सिख पंथ को अपील करेंगे कि कथित पंथ विरोधी अकाली दल बदल ग्रुप को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रबंधों से बाहर करने के लिए सभी पंथक सोच वाले लोग एक जुट होकर शिरोमणि अकाली दल को मजबूर करें और बादल दल को पंथ के विभिन्न प्लेटफार्मों की सेवाओं से मुक्त करें। इस दौरान अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को सौंपे जाने वाले पत्र की प्रतियां मीडिया को भी जारी की जाएंगी।

अकाली दल बादल के बागी ग्रुप के नेता व एसजीपीसी के सदस्य भाई मंजीत सिंह का कहना है कि पंजाब के लोगों ने अकाली दल बादल की मौजूदा लीडरशिप को पूरी तरह नकारते हुए पहले विधान सभा और अब लोक सभा चुनावों में अपना फतवा दे दिया है।

पंजाब की जनता अकाली दल बादल के नेतृत्व में बदलाव चाहती है। इस लिए अकाली दल बादल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अपने पद से त्याग पत्र देकर अकाल तख्त साहिब की शरण में आना चाहिए और अकाली दल का अध्यक्ष पार्टी के नेताओं और वर्करों का या फिर अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को चुनने का अधिकार दे देना चाहिए। इस से कम सिख संगत अकाली दल बादल से कुछ भी स्वीकार करने के लिए तैयार नही है।

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