पंजाब ने सेंट्रल पूल से 2.02 प्रतिशत के हिसाब से मांगा हिस्सा

16वें वित्त आयोग से सरकार ने जो स्पेशल पैकेज की मांग की है, उसमें खास फोकस सरकार ने फसलों की विविधीकरण और प्रदेश के सरहदी इलाकों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए किया है ताकि सरहदी इलाकों में उद्योगों को स्थापित कर युवाओं को रोजगार देकर क्षेत्र के विकास के साथ ही उन्हें नशे से दूर रखा जा सके।

पंजाब ने सेंट्रल पूल में से 16वें वित्त आयोग से 2.02 प्रतिशत के हिसाब से अपनी हिस्सेदारी की मांग की है। 15वें वित्त आयोग ने पंजाब को 1.807 फॉर्मूले के आधार पर सेंट्रल पूल में से टैक्स का बंटवारा किया था।

प्रदेश की 33 प्रतिशत की अनुसूचित जाति की आबादी के लिए सरकार ने कुल जनसंख्या के आधार में से पांच प्रतिशत और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2.50 प्रतिशत की अलग से मांग की है। यह तथ्य पंजाब के वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बुधवार को 16वें वित्त आयोग की बैठक संपन्न होने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान अपने मेमोरेंडम को लेकर रिपोर्ट में पेश किए। वित्त मंत्री ने बताया कि 2.02 प्रतिशत के हिसाब से पंजाब ने सेंट्रल टैक्स में से अपना हिस्सा मांगा है, ताकि 16वें वित्त आयोग के समक्ष सरकार की ओर से रखे 1,32,247 करोड़ रुपये के स्पेशल पैकेज की मांग को पूरा किया जा सके।

चीमा ने बताया जनसंख्या के आधार पर 15वें वित्त आयोग में 15 प्रतिशत की मांग की थी, इस बार सरकार ने इसमें पांच प्रतिशत अनुसूचित जाति के लिए और 2.50 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से रखा है, क्योंकि प्रदेश में इन दोनों वर्ग के लोगों के विकास और जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार का खास फोकस है।

इसके अलावा पंजाब के अटारी-वाघा बॉर्डर से सेंट्रल एशिया स्टेट के लिए व्यापार के रास्ते दोबारा खोलने के लिए कहा गया है, ताकि यहां से अफगानिस्तान, कजाकिस्तान, ईरान, ईराक और अन्य देश के बीच सदियों से चल आ रहे कारोबार को शुरू कर पंजाब उद्योग और व्यापार के जरिये अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके। इस दौरान चीमा ने कहा कि व्यापार तो आज भी पाकिस्तान के साथ हो रहा है, लेकिन पंजाब से कारोबार का रास्ता बंद कर यह गुजरात के रास्ते किया जा रहा है।

स्पेशल पैकेज में पंजाब सरकार ने इन क्षेत्रों पर रखा खास फोकस
वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि सरहदी इलाकों में खासकर गुरदासपुर, पठानकोट, तरनतारन, फिरोजपुर और फाजिल्का का एक बड़ा हिस्सा बॉर्डर से जुड़ा है, इसलिए पैकेज में इन पांच जिलों पर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर पंजाब के उद्योगों को भी टैक्स में विशेष छूट देने की मांग की है, क्योंकि जिस प्रकार हिमाचल और जेएंडके सरहदी इलाके हैं, उसी तरह पंजाब को भी उन्हीं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

सरकार ने आयोग से अपने कर्ज कम करने का किया वादा
पंजाब सरकार ने आयोग के समक्ष अपने पूंजीगत व्यय को सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 1.50 प्रतिशत तक बढ़ाने का दावा किया है। पूंजीगत व्यय के तहत सरकार मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च करेगी। इसके अलावा सरकार द्वारा भूमि जैसी अचल संपत्तियों के अधिग्रहण और भविष्य में लाभ या लाभांश देने वाले निवेश किए जाएंगे। सरकार ने अपने कर्ज को कम करने का आयोग से वादा किया गया है। वह अपने कर्ज को एक से डेढ़ प्रतिशत तक जीएसडीपी के अनुसार करेंगे। इसके अलावा अपने राजस्व को बढ़ाने की बात कही।

इस आधार पर पंजाब ने सेंट्रल पूल में से मांगा है अपना हिस्सा

वर्ग 16वें आयोग से 15वें आयोग में इतना रहा

जनसंख्या 15 (पांच प्रतिशत अनुसूचित जाति और 2.50 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों) 15 प्रतिशत
भौगोलिक 12.50 प्रतिशत 15 प्रतिशत
वन आवरण 7.50 प्रतिशत 10 प्रतिशत
जनसांख्यिकीय प्रदर्शन 12.50 प्रतिशत 12.50 प्रतिशत
इनकम डिस्टेंस 47.50 प्रतिशत 45 प्रतिशत

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