नई दिल्ली भारत में बैंक के साथ धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। बैंक तमाम सावधानियां बरत रहा है लेकिन हैकर्स हैं कि मानते नहीं।
40 से अधिक बैंकों के लाखों खातों से फ्रॉड होने का खतरा पैदा हो गया है। इनके एटीएम कार्ड की क्लोनिंग हो चुकी है। साइबर क्राइम सेल ने बैंक को अर्जेट मेल जारी कर अलर्ट कर दिया है। इधर बैंकों ने ग्राहकों को कार्ड बदलने का संदेश भेजना शुरू कर दिया है।
अगस्त में सिकंदरा पुलिस ने कार्ड की क्लोनिंग करने वाले एक गैंग को गिरफ्तार किया था। उसके पास से पुलिस को एटीएम में लगे स्किमर भी मिले था। इसको देखते हुए साइबर सेल ने बैंकों को ई-मेल जारी कर दिया। इधर बैंकों ने ग्राहकों को पिन बदलने का संदेश भेजना शुरू कर दिया है।
साथ ही उनके पुराने एटीएम कार्ड को भी ब्लॉक किया जा रहा है। हाल में यूनियन बैंक से इसकी शुरुआत हो चुकी है। पुरानी सीरीज के एक लाख कार्ड ब्लॉक कर दिए गए हैं।
यूनियन बैंक के अधिकारी ने बताया कि नए कार्ड सुरक्षा के लिहाज पहले से ज्यादा बेहतर हैं। बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर अमरदीप कौशिक के मुताबिक वैसे भी समय-समय पर अपने पिन बदलते रहना चाहिए।
20 लाख हैं खाते
लीड बैंक के अग्रणी जिला प्रबंधक पंकज सक्सेना के मुताबिक जिले में 40 से अधिक बैंकों की लगभग 450 शाखाएं है। जिनमें 20 लाख खाते हैं। इस समय लोगों की निर्भरता एटीएम पर काफी बढ़ चुकी है।
ऐसे होती है क्लोनिंग
आइटी एक्सपर्ट रक्षित टंडन के मुताबिक ये शातिर एटीएम मशीन के स्लॉट पर नकली स्लॉट तथा कीबार्ड के ऊपर माइक्रो कैमरा लगा देते हैं। इसके बाद जो भी कार्ड इंसर्ट करता है, उसका मैग्नेटिक टेप नकली स्लॉट में रिकार्ड हो जाता है। वहीं जो पिन टाइप करता है उसकी रिकॉर्डिग कैमरे में हो जाती है। ये सारे कार्य अक्सर रात में किए जाते हैं। रात में लगाकर दिन में स्लॉट और कैमरा ले जाते हैं। इसके बाद नकली कार्ड बनाए जाते हैं।
वहीं दूसरा तरीका होटल, रेस्टोरेंट, शॉपिंग मॉल में अक्सर अपनाया जाता है। अधिकांश लोग भुगतान करने के लिए वेटर को कार्ड सौंप देते हैं। वेटर स्किमर में कार्ड का पूरा डाटा उतार लेता है।
ये करें उपाय
शाखा के अंदर लगे एटीएम को प्राथमिकता दें या जहां सिक्योरिटी गार्ड्स वहीं जाएं।
हाथ ढक करके पासवर्ड टाइप करें।
होटल, शॉपिंग मॉल आदि में अपने सामने कार्ड स्वैप करें।