पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर पंजाब में कोरोना की स्थिति में अगले हफ्ते तक सुधार न हुआ तो और पाबंदी लगाई जाएंगी। स्वास्थ्य, प्रशासनिक और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति की समीक्षा आठ अप्रैल को की जाएगी।
अगर कोई सुधार न हुआ तो और बंदिशें लगानी पड़ेंगी। तेजी से टीकाकरण पर जोर देते हुए कैप्टन ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड से बुरी तरह प्रभावित जिलों में मोहल्ला स्तर पर लोगों तक पहुंच बनाई जाए। बुरी तरह से प्रभावित मोहाली, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में कोविड नियमों का भी सख्ती से पालन करवाया जाए। लोगों की परेशानी पर गौर करते हुए मुख्यमंत्री ने शनिवार को कोविड योद्धाओं के लिए एक घंटे के रखे जाने वाले मौन को खत्म करने का आदेश दिया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब में कोविड के कारण उच्च मृत्यु दर पर चिंता प्रकट की। इस पर राज्य की कोविड विशेषज्ञों की कमेटी के चेयरमैन डॉ. तलवार ने कहा कि राज्य में मरीज समय पर अस्पताल नहीं जाते और सह-रोगों की भी उच्च दर है। मरने वालों में से 80-85 प्रतिशत मरीज गंभीर बीमारी वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रशासन को निर्देश दिया कि अन्य रोगों वालों को जल्द से जल्द अस्पताल ले जाने और घरों में एकांतवास लोगों की सख्त निगरानी के लिए मजबूत प्रणाली विकसित करे। उन्होंने एक बार फिर सभी धार्मिक और राजनीतिक नेताओं से अपील की है कि कोविड नियमों का पालन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाए।
डॉ. केके तलवार ने बताया कि ऐसे शहरी क्षेत्रों में और बंदिशें लगाने की जरूरत है, जहां अधिक केस सामने आ रहे हैं। वहीं, डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि 19 मार्च से बिना मास्क पहनने वाले 1.30 लाख लोगों के आरटी-पीसीआर टेस्ट किए गए, जिनमें से 391 पॉजिटिव मिले हैं। उन्होंने कहा कि मोहाली, कपूरथला, पटियाला, नवांशहर,जालंधर, अमृतसर, होशियारपुर और लुधियाना में बहुत ज्यादा केस सामने आ रहे हैं।