पंजाब कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर का सामना कर रहा 19 अगस्त को पंजाब में 1,705 नए केस सामने आए

कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च से शुरू हुए देशव्यापी लॉकडाउन को लागू करने में पंजाब पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने पर पुलिस ने लाठी चलाने से लेकर उठक-बैठक करवाने तक के तरीके आजमाए. मई के अंत में जब लॉकडाउन का चौथा दौर शुरू हुआ, तब तक पंजाब में कोरोना की स्थिति काफी हद तक संभली हुई थी और रिकवरी रेट 92 फीसदी तक पहुंच गया था. लेकिन अब पंजाब संक्रमण के दूसरे दौर का सामना कर रहा है.

19 अगस्त को पंजाब में 1,705 नए कोरोना केस सामने आए, जो कि राज्य में एक दिन में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है. पिछले एक हफ्ते से राज्य में 1,000 से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं और स्थिति चेतावनीपूर्ण होती जा रही है. बुधवार, 19 अगस्त तक पंजाब में कुल 36,084 कोरोना केस थे, जिनमें से 921 की मौत हो चुकी है और 22,703 (63 फीसदी) लोग ठीक हो चुके हैं.

मीडिया की डेटा इंटेलीजेंस यूनिट (DIU) ने राज्य के जिला-वार आंकड़ों को एकत्र किया. हमने पाया कि ये आंकड़े बहुत अच्छी तस्वीर नहीं पेश कर रहे हैं.

मई के पहले सप्ताह में पंजाब महामारी का पीक प्वाइंट पार कर गया था, जब यहां रोजाना केस का औसत 180 के आसपास था. उस समय महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री वापस पंजाब आए थे और उनमें से कई लोग पॉजिटिव पाए गए थे.

मई के अंतिम सप्ताह और लॉकडाउन 4.0 के अंत तक, पंजाब में हर दिन बमुश्किल 10 केस आ रहे थे. तब ऐसा लगा कि पंजाब ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया है. एक अध्ययन में ये भी दावा किया गया कि अगर यह रुझान जारी रहा तो जुलाई के पहले सप्ताह तक पंजाब कोरोना मुक्त हो जाएगा.

हालांकि, राज्य में नए केस सामने आने के बाद स्थिति बदल गई है. जुलाई के पहले हफ्ते में पंजाब में प्रतिदिन औसतन 180 केस दर्ज किए गए. पंजाब में इतनी संख्या में केस तब आ रहे थे, जब उसका पहले दौर का पीक चल रहा था. राज्य का दूसरा दौर, पहले से इस मायने में अलग है कि इस बार बढ़ते केसों में कमी के संकेत नहीं थे, बल्कि केस बढ़ रहे थे.

अगस्त के पहले सप्ताह में पंजाब में हर दिन 700 से ज्यादा केस सामने आए और अब हर दिन 1,000 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन बायोस्टैटिस्टिक्स विभाग के एक अध्ययन के मुताबिक, पंजाब में वायरस की प्रजनन दर 1 से नीचे रही है, जो कि आदर्श है. क्योंकि प्रजनन दर एक से नीचे रहने का मतलब है कि वायरस का एक वाहक एक से भी कम व्यक्ति को संक्रमित कर रहा है.

हालांकि, 27 मई के बाद प्रजनन दर 1 से ज्यादा हो गई और तब से औसत से ऊपर बनी हुई है. 19 अगस्त को प्रजनन दर 1.43 रिकॉर्ड की गई है, जिसका मतलब हुआ कि 100 संक्रमित लोग 143 नए लोगों को संक्रमित कर रहे हैं. यह दर लगातार बढ़ रही है.

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