पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह सिखों की भारत में सुरक्षा के बारे में दिए गए बयान पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि वह इस बयान से सहमत नहीं हैं। इस तरह का बयान गलत है। उन्हें भारत के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर गर्व है। जत्थेदार ने कहा था कि भारत में भी सिख सुरक्षित नहीं हैं। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर ने जत्थेदार से अपील की है कि वह अकालियों पर भाजपा से नाता तोडऩे के लिए दबाव डालें, क्योंकि देश में अल्पसंख्यकों के बीच सुरक्षा की भावना को यकीनी बनाने में केंद्र सरकार नाकाम रही है।
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहा था- भारत में भी सिख सुरक्षित नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं निजी तौर पर जत्थेदार साहिब के इस कथन से सहमत नहीं हूं कि भारत में सिख सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन यदि वह इस बात को महसूस करते हैं, तो उनको यह मामला शिरोमणि अकाली दल के पास उठाना चाहिए। वे अकालियों को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से गठजोड़ तोडऩे के लिए कहें।’
कैप्टन बोले- मैं जत्थेदार के कथन से सहमत नहीं, भारत के धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने पर गर्व
कैप्टन ने कहा, ‘पाकिस्तान के उलट भारत को हमेशा ही एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने का गर्व रहा है। यहां धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं है। यदि सिखों के मन में यह भावना पाई जा रही है कि वह यहां सुरक्षित नहीं हैं तो यह बहुत गंभीर मामला है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली अपने आप को सिख धर्म और भाईचारे के हितों के रखवाले होने का दावा करते हैं, तो उन्हें इस मामले पर स्टैंड लेना चाहिए। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल को हरसिमरत कौर बादल को तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इधर-उधर घटती कुछ घटनाओं से यह अर्थ नहीं निकाला जा सकता कि भारत में सिख सुरक्षित नहीं हैं। नागरिकता संशोधन एक्ट के पर शिरोमणि अकाली दल का जिक्र करते हुए कैप्टन ने कहा कि शिअद ऐसे मामलों पर दोहरे खेल खेलने की बजाय भारत में अल्पसंख्यकों से संबंधित मामलों पर स्पष्ट स्टैंड ले।