जहां एक ओर पैरेंट्स कोरोना वायरस के दौरान स्कूलों की फीस बढ़ने से परेशान हैं. वहीं पंजाब सरकार ने छात्रों को राहत दी है.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की कि राज्य के सरकारी स्कूल COVID संकट के कारण 2020-21 के शैक्षणिक सत्र के लिए छात्रों से कोई एडमिशन, री- एडमिशन और ट्यूशन फीस नहीं लेंगे.
जहां तक प्राइवेट स्कूलों की ओर से लिए ली जाने वाली फीस का सवाल है, राज्य सरकार ने पहले ही अदालत का रुख कर लिया है, लेकिन सरकारी स्कूलों के लिए, पूरे साल के लिए कोई फीस नहीं ली जाएगी. मुख्यमंत्री ने ओपन स्कूल प्रणाली में 31,000 10वीं कक्षा के छात्रों को 11वीं कक्षा में प्रमोट किया है. ये फैसला कोरोना वायरस के कारण लिया गया था.
मुख्यमंत्री ने कल #AskCaptain के संस्करण के दौरान ये घोषणाएं कीं. उन्होंने कक्षा 12वीं में 98 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 335 छात्रों में से प्रत्येक को 5,100 रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है.
फतेहगढ़ साहिब के खमनू के एक छोटे से दुकानदार मनप्रीत सिंह की बेटी का नाम एक स्कूल से हटा दिया गया क्योंकि उसकी फीस नहीं भरी गई थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह डीसी से पूछेंगे. इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्ची को वापस स्कूल में लाया जाए.
उन्होंने कहा, “कोई भी स्कूल इस तरह से छात्रों को नहीं निकाल सकता है,” उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है तो उस कड़ी सजा भुगतनी होगी.
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