पंजाब के राज्यपाल ने फिर लिखा सीएम मान को पत्र, कर्ज के खर्च की मांगी पूरी जानकारी!

पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सीएम भगवंत मान को पत्र लिखकर कहा कि राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन प्रभावी और कुशल तरीके से नहीं कर रही है.

पंजाब में सरकार और राजभवन के बीच तनातनी जारी है. इस बीच राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान पर राज्य के वित्तीय संसाधनों का कार्यकुशलता के साथ प्रबंधन नहीं करने का आरोप लगाया है. राज्य पर कर्ज के बोझ को लेकर सीएम मान के एक पत्र के जवाब में राज्यपाल ने लिखा कि प्रदेश सरकार से अपेक्षा की जाती है कि वह अपने अल्प वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन विवेकपूर्ण तरीके से करेगी. राज्यपाल ने लिखा हालांकि, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार अपने वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन प्रभावी और कुशल तरीके से नहीं कर रही है.

राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राज्य विधानसभा की ओर से बजट में स्वीकृत राशि से 10,000 करोड़ रुपये अधिक कर्ज जुटाने पर भी सवाल उठाया. राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने 2022-23 में 23,835 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के मुकाबले 33,886 करोड़ रुपये कर्ज लिया. पुरोहित ने कहा, “जाहिर है कि इसका इस्तेमाल पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए नहीं किया गया है, ऐसे में अतिरिक्त कर्ज का इस्तेमाल कहां किया गया, यह स्पष्ट करने की जरूरत है.”

राज्यपाल ने और क्या कहा?

पुरोहित ने लिखा, “यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि प्रभावी रूप से पूंजीगत व्यय अनुमानित 11,375.59 करोड़ रुपये के मुकाबले 1,500 करोड़ रुपये से अधिक घटकर 9,691.53 करोड़ रुपये रह गया. इस संबंध में संशोधित अनुमानों के अनुसार, अतिरिक्त कर्ज का इस्तेमाल पिछली ब्याज देनदारी को चुकाने के लिए भी नहीं किया गया.”

सीएम की ओर से प्रस्तुत आंकड़ों में बताया अंतर

राज्यपाल ने आंकित किया कि भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (सीएजी) के आंकड़ों की तुलना में मुख्यमंत्री की ओर से प्रस्तुत आंकड़ों में बहुत अधिक अंतर‍ है. राज्यपाल के पत्र के अनुसार, राज्य सरकार ने कर्ज में 47,107 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का आंकड़ा प्रस्तुत किया, जबकि सीएजी के मुताबिक, एक अप्रैल 2022 से 31 अगस्त 2023 तक यह आंकड़ा 49,961 करोड़ रुपये था. पत्र में यह भी कहा गया है कि इसी तरह राज्य सरकार के अनुसार, पूंजीगत व्यय आंकड़ा 10,208 करोड़ है, जबकि सीएजी के आंकड़ों में यह 7,831 करोड़ है. सीएम मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की पहले भी कई मुद्दों पर राजभवन के साथ टकराव देखा गया है.

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