पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने महिला अाइएएस अफसर को मैसेज भेजने की बात मान ली है

 पंजाब के तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने महिला अाइएएस अफसर को मैसेज भेजने की बात मन ली है। विदेश यात्रा से लौटने के बाद मंगलवार को चन्‍नी ने कहा कि उन्‍होंने गलती से महिला अधिकार को मैसेज भेज दिया था। इसके लिए महिला अधिकारी से माफी मांग ली थी और मामला खत्‍म हो गया था। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल ने साजिश रच कर इसे राजनीतिक रंग दिया।

चन्‍नी ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद मंगलवार को इस पूरे प्रकरण पर सफाई दी। उन्‍होंने कहा है कि पूरे मामले को राजनीतिक साजिश के तहत उछाला गया। चन्‍नी ने कहा, मैं ने गलती से महिला आइएएस अधिकारी को मैसेज भेज दिया था। इस गलती का पता चलते ही मैं ने महिला अफसर से माफी मांग ली और मामला खत्‍म हो गया। इसके बाद मैं विदेश यात्रा पर गया तो शिअद नेताओं ने पूरी साजिश रची और इस पर राजनीति करने लगा।

चन्‍नी ने कहा कि इस तरह की घटिया राजनीति करना शर्मनाक है। अकाली दल इस मामले में राजनीति कर रहा है। यह सही नहीं है और इस तरह से उसकी मंशा पूरी होने वाली नहीं है। दूसरी आेर, शिरोमणि अकाली दल के विरासा सिंह वल्टोहा का कहना है कि चन्नी पहले कह रहे थे कि शाम को फोन उनके पास नहीं होता है और अब कह रहे है की गलती से मैसेज कर दिया। चन्नी बताएं जो मैसेज बनाया गया वो किसे भेजा जाना थे। य‍ह वास्‍तव में  मी टू का मामला है।

बता दें कि चन्‍नी द्वारा एक सीनियर महिला आइएएस अधिकारी को आपत्तिनजक मैसेज भेजने के मामले से हंगामा मचा हुआ है। विपक्ष ने इस मामले चन्नी के खिलाफ माेर्चा खोल रखा है। चर्चाएं हैं कि चन्‍नी के कैबिनेट में बने रहने पर फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के विदेश से लौटने के बाद होगा। बताया जा रहा हे कि चन्नी को इस मामले में जीवनदान मिलने की संभावना बहुत कम है।

सारा मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तक भी पहुंच गया है। अब केवल कैप्टन के वापस आने का इंतजार हो रहा है। सूत्रों के अनुसार कैप्टन के वापस आने के बाद उनकी राहुल गांधी के साथ बैठक हो सकती है। प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी ने चन्नी का बचाव किया था, लेकिन वह खुद ही विवादों में पड़ गई हैं।

आशा कुमारी ने कहा था कि मैसेज भेजना ‘मी टू’ का मामला नहीं है। इसके बाद से उनकी निंदा शुरू हो गई। अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने तो आशा कुमारी के जरिये राहुल गांधी पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि आखिर चन्नी को बचाने के लिए राहुल गांधी ने आशा कुमारी की जिम्मेदारी क्यों लगाई।

राणा के बाद चन्नी के कारण पार्टी की छवि को नुकसान

चन्नी के मैसेज प्रकरण से कांग्रेस की छवि को काफी झटका लगा है। इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व ऊर्जा मंत्री राणा गुरजीत सिंह का नाम आने से भी कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। कांग्रेस ने राणा का इस्तीफा लेकर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की थी।

रिपोर्ट तलब करने की जानकारी नहीं: जाखड़

दूसरी आेर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि मामला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जानकारी में है। उनके वापस आने के बाद ही तस्वीर पूरी तरह से स्पष्ट होगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या राहुल गांधी ने उनसे कोई रिपोर्ट मांगी है, तो उन्होंने कहा कि सारा मामला प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी की जानकारी में है। रिपोर्ट मांगी गई है या नहीं, मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

सिद्धू बोले, सुबूत हों तो सजा मिलनी चाहिए

दूसरी ओर, कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि जो व्यक्ति महिला की इज्जत नहीं करता, वह समाज में इज्जत नहीं पा सकता। अगर कोई आरोपों के पक्के सुबूत हों, तो सजा मिलनी चाहिए।

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