किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रमुख सरवन सिंह पंधेर ने 26 सितंबर 2025 को अमृतसर में केंद्र और पंजाब सरकार पर पराली प्रदूषण के मुद्दे पर ठोस समाधान न निकालने का आरोप लगाया।
उन्होंने जालंधर के किसान राजकुमार की पराली जलाने के आरोप में हुई गिरफ्तारी को गलत ठहराते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी रिहाई न हुई तो पंजाब में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू होगा। पंधेर ने कहा कि सरकार ने पराली प्रबंधन के लिए कोई स्थायी हल नहीं निकाला। दी गई मशीनें खराब हो चुकी है और किसान कर्ज में डूबे है। फिर भी उन पर 30 हजार तक का जुर्माना लगाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण में उद्योगों का योगदान 51 प्रतिशत और वाहनों का 25 प्रतिशत है, जबकि पराली जलाने से केवल 8 प्रतिशत प्रदूषण होता है। इसके बावजूद किसानों को ही निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भगवंत मान सरकार कार्पोरेट हितों का समर्थन कर रही है, क्योंकि औद्योगिक प्रदूषण पर सजा को जुर्माने तक सीमित कर दिया गया, लेकिन किसानों पर सख्त धाराएं लागू की जा रही है। उन्होंने घोषणा की कि आज चंडीगढ़ में किसान मजदूर मोर्चा की आपात बैठक होगी, जिसमें पराली मुआवजे, बासमाती और कपास की कीमतें, बिजली बोर्ड के निजीकरण और स्मार्ट मीटर जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। पंजाब में धान कटाई के सीजन के बीच पराली जलाने के 70 से अधिक मामले दर्ज हो चुके है, जिनमें अमृतसर अग्रणी है। पंधेर का यह बयान सरकार के लिए नई चुनौती बन सकता है।
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