भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल वित्तीय मामलों से जुड़ी संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए और वक्त मांगा है. नोटबंदी पर ब्योरा देने के लिए अब 8 जून को समिति के सामने पेश होंगे.

उर्जित पटेल को इससे पहले 25 मई को समिति के सामने पेश होना था, लेकिन उर्जित ने मौद्रिक नीति पर चल रहे काम का हवाला देते हुए इससे टालकर जून में किए जाने की मांग की थी. RBI गवर्नर ने समिति को लिखा था कि मौद्रिक नीति पर जून में बैठक होनी है और ऐसे में वह 8 जून को ही समिति के समक्ष पेश हो सकेंगे.
वहीं समिति के एक सदस्य ने बताया कि पटेल को 25 मई को पेश होना था, लेकिन उनके आग्रह के बाद इसे टाल दिया गया, क्योंकि मौद्रिक नीति समीक्षा 6-7 जून को आनी है. पटेल के बजाय अब वित्त मंत्रालय के सभी सचिव 25 मई को कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली की अगुवाई वाली समित के सामने उपस्थित होंगे और डिजिटल इकोनॉमी के बारे में जानकारी देंगे.
बता दें कि यह दूसरा मौका है जब उर्जित पटेल नोटबंदी को लेकर स्थायी समिति के सामने पेश होंगे. इससे पहले पटेल से 18 जनवरी को 500 और 1,000 रुपये के नोट का चलन बंद करने के बारे में पूछा था. हालांकि समिति उर्जित के जवाबों से संतुष्ट नहीं थी और उन्हें 25 मई को दोबारा पेश होने को कहा था. उस समय समिति में शामिल बीजेपी सदस्यों ने पटेल को दोबारा बुलाने का विरोध किया था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इसका पक्ष लिया था.
यहां खास बात यह है कि संसदीय समिति की उस बैठक में मनमोहन सिंह ने ही पटेल को मुश्किल सवालों से बचाया था. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि केंद्रीय बैंक के गवर्नर के पद का एक संस्थान के रूप में सम्मान किया जाना चाहिए. मनमोहन सिंह खुद भी रिजर्व बैंक गवर्नर रह चुके हैं. उन्होंने समिति से कहा था कि गवर्नर से उलटे सीधे सवाल नहीं किए जाने चाहिए.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal