एक महिला कोल कर्मचारी के होश उस वक्त उड़ गए, जब उसके मोबाइल में एक मैसेज आया। डाकघर से आया यह मैसेज उसके सेविंग अकाउंट का बैलेंस बताने भेजा गया था।
मैसेज के मुताबिक महिला कर्मी के खाते में 3 अरब 15 करोड़ से ज्यादा रकम थी। इतना पैसा आया कहां से और यह रकम कैश कैसे कराएगी, यह सोचते-सोचते दिन निकल गया। अगले दिन एक और मैसेज आया, जिसमें खाते का अमाउंट 10 हजार 567 रुपए था।
दरअसल डाकघर प्रबंधन ने त्रुटिवश महिला कर्मचारी के खाते का नंबर ही उसके बैलेंस अमाउंट में दर्ज कर दिया था, जिसे मुख्यालय से दिशा-निर्देश प्राप्त कर सुधारा गया।एसईसीएल में कार्यरत श्रीमती एटी लकड़ा गेवरा कॉलोनी के मकान नंबर एमडी-182 में रहती हैं।
गेवरा के डाकघर में उनका बचत खाता संचालित है, जिसमें वे समय-समय पर रकम आहरण व जमा कराती रहती हैं। केंद्र सरकार के एक हजार और 500 रुपए के पुराने नोटों को प्रचलन से बाहर करने के फैसले के बाद श्रीमती लकड़ा ने भी घर पर रखे पुराने नोट लेकर जमा कराने डाकघर पहुंची।
11 नवंबर को अपने बचत खाते में उन्होंने 9 हजार 500 रुपए के नोट जमा कराए, जबकि उनके खाते में पहले से एक हजार 567 रुपए बैलेंस अमाउंट था। यह रकम जमा करने के बाद उनके खाते का बैलेंस कुल 10 हजार 567 रुपए हो गया। रकम जमा कराने के बाद श्रीमती लकड़ा अपने घर आ गई। राशि जमा करने के बाद उसे उनके खाते में चढ़ाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जब श्रीमती लकड़ा के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस अलर्ट आया, तो वह दंग रह गई।
उन्होंने बताया कि उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि इसके बारे में वह किसी से पूछे या बताए भी या नहीं। फिर ख्याल आता कि भला अरबो रुपए उनके खाते में कहां से आ सकते हैं। मोबाइल पर अक्सर फरारी कार और करोड़ों रुपए जीत जाने के फर्जी एसएमएस की तरह भी लगा। फिर अगले दिन सही अमाउंट का मैसेज आने के बाद स्पष्ट हो गया, कि कहीं कोई मिस्टेक है।
10 हजार 567 रुपए की बजाय उनके खाते में 3 अरब, 15 करोड़ 39 लाख 92 हजार 932 रुपए (3153992932) शो कर रहा था। पूरे-दिन हैरान व परेशान होने के बाद अगले दिन फिर से एक मैसेज आया, जिसमें डाकघर ने उनके बचत खाते में 10 हजार 567 रुपए होने की जानकारी दी थी। डाकघर में गलती से उनके अकाउंट नंबर (3153992932) को ही उनके खाते का अमाउंट दर्ज कर दिया गया था। गड़बड़ी सुधारने के बाद अगले दिन वास्तविक अमाउंट की जानकारी फिर से एसएमएस की गई। डाकघर प्रबंधन ने हेडऑफिस से गाइडलाइन लेकर मिस्टेक सुधार किया।
किसी को बताने-पूछने नहीं हुई हिम्मत
एसईसीएल में पति के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति पाकर नौकरी कर रही श्रीमती लकड़ा ने बताया कि अपने खाते में महज 9 हजार 500 रुपए जमा कराए थे। अचानक इतनी बड़ी रकम कहां से आई, यह सोच-सोच कर वह दिन-भर हैरान होती रही। खाते में कोई छोटी-मोटी रकम नहीं, बल्कि 3 अरब 15 करोड़ की बात लिखी थी। वह सोच ही नहीं पा रही थी आखिर इतने सारे पैसे कहां से आ गए।