नोटबंदी के दौरान पटियाला के बैंकों द्वारा आरबीआइ को भेजी गई करंसी में 6.62 लाख के नकली नोट मिले हैं। यह रकम आरबीआइ को पटियाला से साल 2017 व 2018 के दौरान भेजा गया था।
राजस्थान के जिला जयपुर के आरबीआइ में पुरानी करंसी के 500 व 1000 के नोटों की चेकिंग की गई तो यह धांधली सामने आई। इसमें पाया गया कि एक हजार के 641 नोट और पांच सौ के 43 नोट नकली हैं।
राजस्थान पुलिस ने जीरो एफआइआर काट पटियाला पुलिस को भेजा
इसके बाद जयपुर के आरबीआइ के महाप्रबंधक ओम प्रकाश के बयान पर जयपुर पुलिस ने तीन बैंकों की पांच शाखाओं के अज्ञात मुलाजिमों के खिलाफ जीरो एफआइआर दर्ज करने के बाद कॉपी पटियाला पुलिस को भेज दी गई। पटियाला के थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच एएसआइ जसबीर सिंह को सौंपी गई है। थाना सिविल लाइन के एएसआइ जसबीर सिंह ने कहा कि केस पेचीदा जरूर है, लेकिन इसे हल कर लेंगे। बैंकों में जाकर नोट कलेक्शन करने व भेजने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के नाम पता करेंगे।
यह है मामला
नोटबंदी के बाद बैंकों ने पुरानी करंसी जमा करनी शुरू कर दी थी। इस दौरान 500 व एक हजार के नोट जमा हुए थे। राजस्थान के आरबीआइ को अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2018 के दौरान पटियाला से पंजाब एंड सिंध बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की स्थानीय शाखा, एसबीओपी ब्रांच पातड़ां व एसबीओपी राजपुरा की ब्रांच से पुरानी करंसी भेजी गई थी।
पुरानी करंसी की छंटनी व चेकिंग के दौरान पाया कि करीब 6,62,500 रुपये के नोट नकली हैं। आरबीआइ ने पहले पटियाला के बैंकों से तालमेल किया, लेकिन सुराग नहीं लगा तो जयपुर पुलिस में शिकायत कर दी। नोटबंदी के दौरान विभिन्न ब्रांचों में बैन नोट जमा हुए थे, लेकिन किस अधिकारी ने कब जमा किया इसका पता लगाना पुलिस के लिए कड़ी चुनौती होगी। इसकी दूसरी वजह यह भी है कि नवंबर 2017 के दौरान एसबीओपी को एसबीआइ में मर्ज कर दिया गया था।