नोएडा प्राधिकरण ने सोमवार को कुत्ता-बिल्लियों के लिए नए सिरे से पॉलिसी लागू कर दी। सभी पालतू कुत्तों-बिल्लियों का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए मालिकों को हर साल अप्रैल महीने में 500 रुपये पंजीकरण शुल्क के रूप में देने होंगे। पालतू कुत्तों को पट्टे में ही घुमाना होगा। जहां तक हो सके सर्विस लिफ्ट के जरिए ही कुत्तों को लेकर आ-जा सकेंगे। घर से बाहर जाते समय कुत्ते के मुंह पर मजल भी लगानी होगी।
नोएडा प्राधिकरण के डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि 31 जनवरी तक कुत्तों का पंजीकरण कराने के लिए सिर्फ 500 रुपये पंजीकरण राशि देनी होगी। इसके बाद एक फरवरी से 28 फरवरी तक 500 के साथ 200 रुपये जुर्माना भी देना होगा। डीजीएम ने बताया कि एक से 31 मार्च के बीच पंजीकरण कराने पर 700 रुपये के अलावा 10 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से और जुर्माना देना होगा। एक से 31 मई के बीच पंजीकरण कराने पर 700 रुपये, एक जून या इसके बाद 700 रुपये के अलावा 10 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना देना होगा।
डीजीएम ने बताया कि आवारा कुत्तों की नीति के प्रकाशन के उपरांत नोएडा क्षेत्र में छह महीने और उससे अधिक उम्र के किसी भी स्वस्थ पालतू कुत्ते-बिल्ली की नसबंदी कराए जाने की अनिवार्यता की समय सीमा 31 जनवरी तक बिना जुर्माने के निर्धारित की गई है। इसके बाद सीमा के पश्चात दो हजार रुपये प्रति माह जुर्माना लगेगा। कुत्ते-बिल्ली की मृत्यु की स्थिति में एनएपीआर ऐप जानकारी अपडेट करनी होगी। इन पर क्रूरता और लावारिस छोड़े जाने की शिकायत के मामले में कार्रवाई होगी।
अधिकारियों ने बताया कि पंजीकरण एक वित्तीय वर्ष के लिए ही मान्य होगा। पंजीकरण का नवीनीकरण प्राधिकरण अधिकारियों और पशु चिकित्सक की जांच के बाद ही होगा। नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन एक से 30 अप्रैल के बीच करना होगा। पालतू कुत्ता पालते ही उसको मोबाइल ऐप पर पंजीकृत कराना होगा। आवारा कुत्तों को सीरियल नंबर टैग प्राधिकरण की एजेंसी द्वारा नसबंदी के समय देंगे। नसबंदी एवं चिकित्सा सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर-9999352343 पर संपर्क करें।
एंटी रैबीज का टीका भी लगाना अनिवार्य होगा
अधिकारियों ने बताया कि सभी आवारा कुत्तों की नसबंदी प्राधिकरण कराएगा। नसबंदी के साथ ही एंटी रैबीज का टीका भी अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा।
शेल्टर बनाए जाएंगे
आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर बनाने को नोएडा प्राधिकरण जमीन उपलब्ध कराएगा। इसके बाद प्राधिकरण अपने खर्चे से इनको बनाएगा। शिकायत मिलने पर जांच के बाद शेल्टर में बीमार, उग्र व आक्रामक हो चुके कुत्तों को निगरानी के लिए रखा जाएगा। यहां पर इनके खानपान, रखरखाव एवं देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित आरडब्ल्यूए व एओए की होगी। इसके लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा।