आर्म्स एक्ट का मामला झेल रहीं नीतीश सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने शनिवार को विक्टिम कार्ड खेला. उन्होंने कहा कि वह कुशवाहा जाति से आती हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है. शनिवार को मंझौल अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रभात त्रिवेदी की अदालत में पेश हुई मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है. इसी दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह एक खास जाति से आती हैं इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है.
मंजू वर्मा पर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड में सीबीआई के छापे में उनके घर से हथियार मिले थे. पुलिस की लगातार दबिश और सुप्रीम कोर्ट की नीतीश सरकार को फटकार के बीच मंजू वर्मा ने 20 नवंबर को आत्मसमर्पण किया था. वह महिनों से फरार चल रही थीं. उनपर मामला दर्ज होने के तीन महीने बाद भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाने पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगायी थी.
पत्रकारों ने जब मंजू वर्मा से पूछा कि वह तीन महीने से कहां थीं इसपर वह भड़क गईं. उन्होंने उल्टा सवाल दाग दिया, ‘‘मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से पूछना चाहती हूं कि मुझे क्यों परेशान किया जा रहा है. मेरी गलती क्या है?’’
पूर्व मंत्री ने कहा कि उनके और उनके पति के नामों को मुजफ्फरपुर कांड में घसीटा जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘समाज कल्याण मंत्री के तौर पर मेरे द्वारा जो भी कार्रवाई की जा सकती थी, की गयी. जब सीबीआई मांग उठी तो वह भी मान ली गयी. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या मुझे इसलिए परेशान किया जा रहा है क्योंकि मैं कुशवाहा जाति से हूं जो कमजोर सामाजिक तबका है और क्योंकि मैं महिला हूं. सभी याद रखें कि मुझे पर जो कहर बरपाया गया है वह मंजू वर्मा नामक किसी एक इंसान पर नहीं बल्कि चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक पर बरपाया गया है. ’’
बिहार की सत्तापार्टी जेडीयू ने पिछले ही महीने मंजू वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था. इस दौरान मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के कॉल रिकार्ड से यह भी पता चला कि उनका यौन स्कैंडल के मुख्य अरोपी और आश्रय गृह को चलाने वाले एनजीओ के मालिक ब्रजेश ठाकुर से गहरा संबंध है. उसके बाद मंजू वर्मा ने छह अगस्त को मंत्रिपद से इस्तीफा दिया था.
इस बीच, चंद्रशेखर वर्मा ने मीडिया से इस आश्रय गृह यौन कांड में उनका नाम नहीं घसीटने का अनुरोध किया और कहा कि ‘सीबीआई ने भी हमें आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया है.’ मंजू वर्मा के मंत्रिपद से इस्तीफा देने के करीब 15 दिनों बाद सीबीआई ने चेरिया बरियारपुर में वर्मा दंपति के घर पर छापा मारा था. सीबीआई के इस सूचना पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था कि घर में करीब 50 कारतूस थे.