अच्छी सेहत के लिए भरपूर नींद बेहद जरूरी है। हालांकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ नींद न आने की समस्या भी बढ़ने लगती है। 65 व उससे अधिक उम्र के 9000 बुजुर्गों पर किए शोध के बाद पाया कि उम्र बढ़ने पर आधे से अधिक लोगों को नींद न आने और भरपूर नींद लेने में
दिक्कतें आती हैं। पांच से दस फीसदी प्रौढ़ लंबे समय से अनिद्रा से परेशान रहते हैं। ठीक से नहीं सो पाने के कारण उन्हें हर वक्त थकान का अनुभव होता है। लेकिन बात थकान तक ही सीमित नहीं है। नींद की कमी जानलेवा भी साबित हो सकती है। इससे हाई ब्लड प्रेशर, टाइप 2 डायबिटीज, हार्ट अटैक, डिप्रेशन, तनाव जैसी बीमारियों के साथ ही असमय मौत का भी खतरा कई गुना बढ़ जाता है। नींद न आने से सबसे अधिक व्यक्ति की मानसिक क्षमता को नुकसान होता है। इससे अल्जाइमर व डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारियों का खतरा भी रहता है।
दिन में न लें झपकी- विशेषज्ञों की माने तो दिन में 20 मिनट की झपकी लेने से व्यक्ति तरोताजा हो जाता है। लेकिन रात में नींद नहीं आने की परेशानी ङोल रहे लोगों को इससे बचना चाहिए। दिन में झपकी लेना कई लोगों के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन कोई व्यक्ति यदि रात में अनिद्रा की समस्या से जूझ रहा है तो उसे इससे बचना चाहिए। दिन में झपकी लेने से रात में नहीं सो पाने की दिक्कत और बढ़ जाती है।
अच्छी नींद ऐसे आएगी- रात में भरपूर नींद लेने के लिए खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। अनिद्रा से परेशान लोगों को चाय-कॉफी के साथ ही सिगरेट और अल्कोहल से दूरी बनाए रखनी चाहिए। उन्हें घर के बाहर किसी पार्क में जाकर व्यायाम करना चाहिए। प्राकृतिक रोशनी के संपर्क में आने से व्यक्ति का बॉडीक्लॉक और सोने का समय व्यवस्थित हो जाता है। अच्छी नींद के लिए रात में हल्का भोजन करना ही सही है। इस बात का भी ख्याल रखने की जरूरत है।नींद पूरी न होने से अल्जाइमर और डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ जाता है।
हाई बीपी का खतरा- पेंसिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने कई वर्षो तक 1,700 महिलाओं व पुरुषों के सोने के समय को लेकर स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े जुटाए। पांच घंटे से भी कम समय तक सोने वाले बुजुर्गो में हाई बीपी का खतरा अन्य के मुकाबले पांच गुना ज्यादा बढ़ जाता है। पांच से छह घंटे की नींद लेने वाले लोगों में इसका खतरा साढ़े तीन गुना बढ़ जाता है। पांच घंटे से कम सोने वाले लोगों में डायबिटीज का खतरा भी तीन गुना अधिक बढ़ जाता है।
अनिद्रा की समस्या- नींद नहीं आने का सबसे बड़ा कारण तनाव है। तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन का स्नाव बढ़ जाता है। इस हार्मोन के चलते व्यक्ति में नींद न आने की समस्या बढ़ जाती है।