नगर निगम में सफाई कर्मचारियों के लिए लगाए गए निश्शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में जांच के दौरान 70 में से 45 कर्मचारी बीमारी से ग्रसित निकले। ये कर्मचारी हाई ब्लड प्रेशर व शुगर के मरीज पाए गए। निगम अफसरों की मानें तो गनीमत रही कि जांच में केवल 70 कर्मचारी शामिल हुए, वरना ये आंकड़ा और बढ़ सकता था। जांच के दौरान मौजूद राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष मनहर वल्जी भाई जाला व महापौर सुनील उनियाल गामा ने इस पर चिंता जताई। साथ ही समय-समय पर कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच कराने के निर्देश भी दिए। शिविर में आयोग अध्यक्ष ने भी अपने स्वास्थ्य की जांच कराई।
शुक्रवार को नगर निगम में सफाईकर्मियों के लिए लगाए गए स्वास्थ्य जांच शिविर में बतौर मुख्य अतिथि जाला ने नगर निगम के अधिकारियों से सफाईकर्मियों की सेहत की जांच का रिकार्ड तलब किया। अधिकारियों को सफाईकर्मियों के लिए चल रही केंद्र की स्वास्थ्य, आवास, पुनर्वास, शिक्षा, वेतन व पदोन्नति समेत पेंशन योजनाओं के संबंध में कर्मियों को जागरुक करने और इनका लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए। इस दौरान जाला ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय को यह निर्देश भी दिए कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में सफाईकर्मियों के लिए स्वास्थ्य जांच एवं बहुउद्देशीय शिविर लगाया जाए। इस शिविर में संबंधित विभागों के स्टाल लगाकर उसमें संचालित योजनाओं की जानकारी भी साझा करने को कहा। इस दौरान सफाई आयोग सदस्य मंजू दिलर एवं सचिव आयोग नरेन दास भी मौजूद रहे।
गांधी पार्क में की सफाई
नगर निगम में पहुंचने से पहले जाला ने गांधी पार्क में सफाई कर्मचारियों और नगर निगम अफसरों के साथ स्वच्छता अभियान भी चलाया। उन्होंने कहा कि सभी जन को अपने आसपास साफ-सफाई करनी चाहिए ताकि कोई भी बीमारी उनके आसपास नहीं पनपे। इस दौरान महापौर सुनील उनियाल गामा, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय एवं मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी, वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह आदि मौजूद रहे।
बीट सिस्टम पर होगी सफाई
नगर निगम सोमवार यानी छह जनवरी से वार्डों में बीट सिस्टम पर सफाई कराने जा रहा। सफाई कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। अगर सफाई कर्मचारी द्वारा तय स्थान पर सफाई नहीं की गई तो कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। नगर आयुक्त ने शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस की तर्ज पर बीट सिस्टम लागू किया है। इस संबंध में शुक्रवार को अधिकारियों की बैठक ली गई।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में प्रत्येक वार्ड में 18 से 22 सफाई कर्मचारी तैनात हैं, लेकिन कौन कर्मी काम कर रहा या नहीं इसका पता नहीं लग रहा। नई व्यवस्था में हर कर्मचारी के लिए वार्ड में विभिन्न सड़क और गलियां तय कर दी जाएंगी। वहीं, नए वार्डों में अभी ये सिस्टम लागू नहीं होगा। अभी 40 नए वार्डों में हर वार्ड में पांच से सात सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं। जो मुख्य सड़कों की सफाई ही कर पाते हैं।