पहली सेवा क्षेत्र नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ और मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ निवेश की सीमा तय की गई है। नियोजन विभाग के उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से नीति लागू की गई।
प्रदेश की पहली सेवा क्षेत्र नीति के तहत लगने वाले उद्योगों को पांच किस्तों में सब्सिडी दी जाएगी। इस नीति को संचालित करने के लिए नियोजन विभाग नियमावली तैयार कर रहा है। निवेश प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद पहले वर्ष में उद्योगों को कुल सब्सिडी का 20 प्रतिशत ही मिलेगा।
उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए पहली बार सेवा क्षेत्र नीति को सरकार ने मंजूरी दी है। इस नीति के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में 50 करोड़ और मैदानी क्षेत्रों में 200 करोड़ निवेश की सीमा तय की गई है। नियोजन विभाग के उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड (यूआईआईडीबी) के माध्यम से नीति लागू की गई। इस नीति के तहत पात्र उद्योगों को सब्सिडी का लाभ देने के लिए नियमावली तैयार की जा रही है।
नीति में कुल पूंजी निवेश पर उद्योगों को 25 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। सेवा क्षेत्र नीति से स्वास्थ्य, वेलनेस, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, स्कूल, कॉलेज, विवि, फिल्म, मनोरंजन, खेल, सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा सेंटर के साथ ड्रोन, विनिर्माण, आयुष, इलेक्ट्रॉनिक, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि-बागवानी, हस्तशिल्प में कौशल विकास का प्रशिक्षण संस्थान क्षेत्र में निवेश करने के लिए निवेशक प्रोत्साहित होंगे। खास बात यह है कि नीति के तहत लगने वाले उद्योगों को एक मुश्त सब्सिडी नहीं मिलेगी। निवेश परियोजना पर काम के आधार पर निवेशकों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
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