
पवन का कहना है कि मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों ने उसके साथ बुरी तरह मारपीट की जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं हैं। कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को यानी कल होगी।
इससे पहले दोषी विनय शर्मा ने सोमवार को दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल से उसकी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी। विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने धारा 432 और 433 के तहत एलजी के पास याचिका दाखिल कर अपने मुवक्किल के लिए राहत की मांग की थी।
याचिका में विनय ने कहा था कि उसे फांसी की सजा नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह दुर्लभतम में से दुर्लभ मामलों के लिए तय है, जिनमें उम्रकैद के विकल्प की निर्विवाद रूप से मनाही है। विनय ने कहा कि बर्ताव में बदलाव, उसकी कम उम्र और परिवार की कमजोर सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसे राहत दी जानी चाहिए।
मालूम हो कि बीते पांच मार्च को इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी राणा ने अभियोजन पक्ष की ओर से नया डेथ वारंट जारी किया गया था। इस वारंट के अनुसार 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे दोषियों को फांसी दी जाएगी।
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