नित्यानंद आश्रम अहमदाबाद से गायब दक्षिण भारतीय दो युवतियों को गुमराह कर विदेश ले जाने के मामले में गुजरात हाई कोर्ट में दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कापर्स) याचिका को न्यायालय ने रद कर दिया।
बता दें कि यह याचिका पिता ने दायर की थी। दोनों युवतियों ने अपनी मर्जी से जाने की बात कही है। उन्होंने स्वयं के सही सलामत होने का दावा किया है।
कोर्ट ने क्या कुछ कहा?
हाई कोर्ट के न्यायाधीश एवाई कोगजे एवं न्यायाधीश राजेंद्र सरीन की खंडपीठ के समक्ष नित्यानंद आश्रम से गुम दो बहनों नित्यानंदिता एवं लोपामुद्रा को वापस लाने संबंधी याचिका पर सुनवाई चल रही थी। खंडपीठ ने कहा,
दोनों बहनें वयस्क हैं। वे अपना भला-बुरा समझती हैं। ये दोनों जमैका में हैं।
खंडपीठ ने कहा कि दोनों बहनें अपनी मर्जी से भारत छोड़कर जाने की बात कही है। अब इस मामले में न्यायालय के दखल की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री शाखा को दोनों बहनों का वीडियो सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। चूंकि दोनों बहने अपनी मर्जी से वहां रहना चाहती हैं, इसलिए याचिका रद कर दी गई।
पिता ने दोनों बहनों को गुमराह कर भगा ले जाने का आरोप नित्यानंद आश्रम के संचालकों पर लगाया था।