निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल शुरू,

उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के कर्मचारी निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर हैं। इसके साथ ही प्रदेश में सब स्टेशनों पर कर्मी कार्य बहिष्कार पर हैं। ओबरा तथा अनपरा की छह यूनिट से उत्पादन बंद है जबकि शाहजहांपुर के कलान क्षेत्र की सप्लाई ठप होने के बाद लेखपाल साहब ड्यूटी छोड़ कर भाग निकले। इसी दौरान कानपुर के चौबेपुर के उप केंद्र में आग लगने से अफरातफरी मच गई है।

पूर्वांचल की बिजली व्यवस्था के निजीकरण के विरोध में प्रदेश भर में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के कर्मियों के साथ ऊर्जा निगम के अभियंताओं ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। प्रदेश में बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए ऊर्जा प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा किया है।

शाहजहांपुर में ड्यूटी पर तैनात लेखपाल मौके से भाग निकले

उनका यह दावा तो शाहजहांपुर में खोखला साबित हो गया। शाहजहांपुर के कलान में ड्यूटी पर तैनात लेखपाल मौके से भाग निकले। इनकी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत ड्यूटी लगाई गई थी।

पूर्वांचल की बिजली व्यवस्था के निजीकरण के विरोध का बड़ा असर पूरे प्रदेश में दिख रहा है। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, शामली, सहारनपुर आदि जिलों में कर्मचारियों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आजमगढ़ जिले के अधिकतर क्षेत्रो में विद्युत व्यवस्था ठप हो गई है।

विद्युत संघर्ष समिति के संयोजक मनोहर सिंह व राणा प्रताप ने कहा कि सरकार ऊर्जा निगम को निजी हाथों बेचना चाहती है, जिसे हम नहीं बिकने देंगे। ऊर्जा निगम का निजीकरण होते ही लाखों कॢमयों का नुकसान होगा वहीं प्रदेश की करोड़ों की संख्या में जनता पर बिजली महंगाई की मार पड़ेगी। यहां पर निजी कंपनियों बिजली महंगी बेचेंगी। विद्युत संघर्ष समिति के जिला संयोजक मनोहर सिंह तथा सह संयोजक रापा प्रतान ने कहा कि कार्य बहिष्कार कर हम सरकार को ऊर्जा निगम के निजीकरण नहीं करने के लिए संदेश देना चाहते हैं। हमारा मकसद बिजली आपूर्ति बाधित करना या व्यवस्था में व्यवधान पैदा करना नहीं है।

चौबेपुर बिजली विभाग उप केंद्र में आग

कानपुर में बिजली विभाग के कर्मियों की हड़ताल के दौरान चौबेपुर बिजली विभाग उप केंद्र में आग लग गई। वहां पर चौबेपुर थाना की फोर्स मौके पर पहुंची और फिर फायर ब्रिगेड भी टीम ने मोर्चा संभाला।

प्रयागराज में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ रात 12 बजे के बाद से बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया। ऐसे में बिजली घरों में सन्नाटा पसर गया है। जिले में बिजली आपूर्ति में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। बिजली कर्मचारियों का देर रात 12 बजे के बाद से कार्य बहिष्कार शुरू हो गया है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी ने उपकेंद्र छोड़ दिया है। ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती लोगों को बिना किसी व्यवधान के बिजली आपूर्ति करना है। रविवार रात तक जिले के प्रशासनिक अधिकारी मंथन करते रहे। बिजली कर्मचारियों का प्रदर्शन सोमवार सुबह दस बजे से मुख्य अभियंता वितरण कार्यालय में शुरू हो गया है। अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले ही बैठक कर इसकी रूपरेखा तय की थी। अगर किसी की गिरफ्तारी हुई तो सामूहिक रूप से गिरफ्तारी दी जाएगी।

सोनभद्र में छह इकाइयों से विद्युत उत्पादन बंद

निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार सोमवार की सुबह जैसे ही शुरू हुआ वैसे ही ओबरा और अनपरा की कुल छह इकाइयों से उत्पादन बंद हो गया। अनपरा व ओबरा की कुल छह इकाइयों से उत्पादन बंद होने से कुल 1830 मेगावाट का उत्पादन प्रभावित हुआ है। परियोजना प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की मानें तो प्रयास किया जा रहा है कि उत्पादन शुरू हो जाए। अनपरा अ की 210 मेगावाट की क्षमता वाली तीन इकाई यानी 630 मेगावाट, अनपरा ब की 500 मेगावाट वाली दो इकाई यानी 1000 मेगावाट उत्पादन बंद हुआ। वहीं ओबरा में 10वीं इकाई से 200 मेगावाट का उत्पादन बंद हुआ है। इस तरह से कुल 1830 मेगावाट का उत्पादन बंद है। कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार की वजह से इन्हेंं चालू करने में दिक्कत हो रही है।

अगर यही स्थिति रही तो प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है। सोनभद्र को ऊर्जांचल भी कहा जाता है, यहां पर बिजली की कई इकाइयां है। निजीकरण के विरोध में कार्य बहिष्कार के दौरान अनपरा परियोजना गेट के समक्ष जुटी आंदोलनरत कर्मचारियों  की भीड़ में करीब 1800 कर्मी बहिष्कार पर हैं। अनपरा तापीय परियोजना की कुल पांच इकाई से उत्पादन बंद हुआ है। अनपरा की 132 केवी लाइन से आठ बजकर 51 मिनट पर उत्पादन बंद हो गया। जिसके कारण ग्राम बांसी स्थित सब स्टेशन से भी विद्युत सेवा बंद हो गई। इससे अनपरा-शक्तिनगर क्षेत्र के दर्जनों ग्राम सभा एवं उत्तर प्रदेश स्थित कोल परियोजना व एमजीआर से जुड़ी सभी कार्य बंद हो गए।

 

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